रायपुर/जशपुरनगर, 16 जून 2025
छत्तीसगढ़ सरकार की एक सराहनीय योजना के तहत जशपुर जिले के 6 मेधावी छात्रों को राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के हाथों 2-2 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि दी गई। यह सम्मान उन्हें कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में टॉप-10 में आने के लिए मिला। यह राशि “मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेघावी शिक्षा सहायता योजना” के अंतर्गत दी गई, जो कि पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए शुरू की गई है।
क्या है यह योजना?
छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा “मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेघावी शिक्षा सहायता योजना” शुरू की गई है। इसका उद्देश्य है पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करना। इसके तहत छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में टॉप 10 में स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों को 2 लाख रुपये की सहायता दी जाती है।
इस 2 लाख रुपये में 1 लाख की राशि नकद दी जाती है और 1 लाख रुपये की राशि दोपहिया वाहन (स्कूटी) खरीदने के लिए दी जाती है, जिससे छात्र कॉलेज या उच्च शिक्षा के लिए आसानी से आ-जा सकें।
### जशपुर के इन छात्रों को मिला सम्मान
इस बार पूरे प्रदेश से 31 छात्रों को इस योजना का लाभ मिला है, जिनमें जशपुर जिले के 6 छात्र भी शामिल हैं। ये छात्र हैं:
नमन कुमार खूंटिया
पूर्णिमा पैंकरा
हर्षिता सिंह
पूजा चौहान
रितु कुर्रे
माही डनसेना
इन सभी छात्रों को मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने सम्मानपूर्वक 2-2 लाख रुपये की राशि का चेक सौंपा। यानी केवल जशपुर जिले के छात्रों को कुल मिलाकर **12 लाख रुपये** की प्रोत्साहन राशि दी गई।
मुख्यमंत्री ने दी बधाई
रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी छात्रों और उनके माता-पिता को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि ये बच्चे हमारे समाज के भविष्य हैं। सरकार श्रमिकों के परिवारों की मेहनत और संघर्ष को समझती है और उनके बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए हमेशा काम करती रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा,
> “हमारी सरकार का लक्ष्य है कि किसी भी प्रतिभावान बच्चे की पढ़ाई पैसों की कमी के कारण न रुके। श्रमिकों के बच्चों को अच्छी शिक्षा और भविष्य के लिए जरूरी हर सहायता हमारी सरकार देगी। यह सम्मान केवल एक पुरस्कार नहीं है, बल्कि मेहनत को सलाम है।”
प्रेरणा देने वाली पहल
इस योजना का उद्देश्य केवल आर्थिक सहायता देना नहीं है, बल्कि श्रमिक वर्ग के बच्चों में आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की भावना पैदा करना है। दोपहिया वाहन की सहायता से छात्र अब कॉलेज या कोचिंग जाने में सक्षम होंगे। यह सुविधा ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों के लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाती है, जहां परिवहन की सुविधा कम होती है।
छात्र और अभिभावकों की प्रतिक्रिया
सम्मान पाने वाले छात्रों ने इस मौके पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें इस योजना से न केवल आर्थिक मदद मिली है, बल्कि आगे पढ़ाई करने की प्रेरणा भी मिली है।
पूर्णिमा पैंकरा की माँ ने कहा,
> “हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारी बेटी को इतना बड़ा सम्मान मिलेगा। सरकार ने जो मदद की है, उससे हमारी बेटी का सपना साकार होगा।”
नमन खूंटिया ने कहा,
> “मुख्यमंत्री से सीधे सम्मान पाना एक सपना पूरा होने जैसा है। अब मैं मेडिकल की पढ़ाई करना चाहता हूँ और यह राशि मेरे लिए बहुत मददगार होगी।”
भविष्य के लिए आशा की किरण
मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेघावी शिक्षा सहायता योजना ने प्रदेश के हजारों श्रमिक परिवारों में एक नई उम्मीद की किरण जगाई है। यह योजना न केवल बच्चों को आगे बढ़ने का मौका देती है, बल्कि यह समाज को यह संदेश भी देती है कि प्रतिभा किसी एक वर्ग की बपौती नहीं होती – अवसर मिलने पर हर बच्चा आगे बढ़ सकता है।
छत्तीसगढ़ में शिक्षा के क्षेत्र में ऐसी योजनाएं यह साबित करती हैं कि राज्य सरकार शिक्षा को केवल किताबों तक सीमित नहीं रख रही, बल्कि उसे व्यवहारिक सहायता और सम्मान के साथ जोड़ रही है। ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले वर्षों में और भी ज्यादा मेधावी छात्र इस योजना का लाभ उठाकर अपने और अपने परिवार के सपनों को पूरा करेंगे।
