प्रमुख घोषणाएँ:
महिला सशक्तिकरण: महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए महतारी वंदन योजना के लिए 5,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
शहरी विकास: 14 नगर निगमों के लिए मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना प्रारंभ की जाएगी, जिसके लिए 500 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रावधान किया गया है।
पर्यटन को बढ़ावा: पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होम स्टे पॉलिसी लाई जाएगी, जिसके लिए 5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
कृषि और ग्रामीण विकास: कृषक उन्नत योजना के लिए 10,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
स्वास्थ्य सेवाएँ: 12 नए नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना के लिए 34 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास: राजधानी के विकास के लिए NCR की तर्ज पर स्टेट कैपिटल रीजन (SCR) का गठन किया जाएगा, जिसके लिए 5,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
सड़क परिवहन: मुख्यमंत्री रिंग रोड योजना की शुरुआत होगी, जिसके लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान है। साथ ही, सड़क निर्माण के बजट में 20% की वृद्धि की गई है।
उद्योग एवं रोजगार: उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए 1,420 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो पिछले वर्ष से दोगुना है। साथ ही, युवाओं के रोजगार और कौशल विकास के लिए 26 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
शिक्षा क्षेत्र: स्कूल और कॉलेजों के खाली पदों में 20,000 भर्तियाँ की जाएंगी, जिससे शिक्षा क्षेत्र में सुधार होगा।
इस बजट की एक विशेषता यह रही कि वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने इसे स्वयं हस्तलिखित रूप में प्रस्तुत किया, जो राज्य के इतिहास में पहली बार हुआ है। यह कदम परंपराओं की ओर वापसी और मौलिकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
यह बजट राज्य के समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो विभिन्न क्षेत्रों में सुधार और प्रगति सुनिश्चित करेगा।
