रायपुर, 30 अप्रैल 2025 —भारत को टीबी मुक्त बनाने के संकल्प की दिशा में छत्तीसगढ़ ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। देश में टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया। राजधानी रायपुर स्थित मेडिकल कॉलेज ऑडिटोरियम में आयोजित राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने यह घोषणा की।
मंत्री जायसवाल ने कहा कि यह गौरव मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के कुशल नेतृत्व और स्वास्थ्यकर्मियों की अथक मेहनत का प्रतिफल है। उन्होंने बताया कि अब तक राज्य की 4103 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया जा चुका है और यह समुदाय आधारित जन-भागीदारी का सशक्त उदाहरण है।
राष्ट्रीय मंच पर छत्तीसगढ़ की चमक
छत्तीसगढ़ को यह सम्मान टीबी उन्मूलन के लिए किये गए सशक्त प्रयासों और जमीनी क्रियान्वयन की बदौलत मिला है। निक्षय निरामय अभियान के तहत राज्य में 36 लाख से अधिक हाई रिस्क व्यक्तियों की स्क्रीनिंग, 4.5 लाख एक्स-रे जांच और 1.5 लाख टीबी जांच NAT तकनीक से की गई। 100 दिनों के भीतर 17 हजार नए मरीजों की पहचान कर उपचार शुरू किया गया। साथ ही 3130 नए ‘नि-क्षय मित्रों’ का पंजीयन कर 25 हजार से अधिक मरीजों को पोषण आहार उपलब्ध कराया गया।
सम्मानित हुए स्वास्थ्य योद्धा
कार्यक्रम में राज्य भर से आए उत्कृष्ट स्वास्थ्यकर्मियों, जिलों और विकासखंडों को विभिन्न श्रेणियों में सम्मानित किया गया:
350 से कम पंचायतों वाले जिलों में:
प्रथम: मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर
द्वितीय: कोरिया
तृतीय: मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी
350 से अधिक पंचायतों वाले जिलों में:
प्रथम: जशपुर
द्वितीय: सरगुजा
तृतीय: रायगढ़
नि-क्षय मित्र श्रेणी में:
प्रथम: गरियाबंद
द्वितीय: रायपुर
100 दिवसीय निक्षय निरामय अभियान (उच्च प्राथमिकता वाले जिले):
प्रथम: नारायणपुर
द्वितीय: कोंडागांव
निम्न प्राथमिकता वाले जिले:
प्रथम: कांकेर
द्वितीय: मुंगेली
राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन प्रमाण (NQAS) में:
प्रथम: रायपुर
द्वितीय: महासमुंद
तृतीय: दुर्ग
स्वास्थ्य सेवा नहीं, राष्ट्रीय सेवा है — अधिकारियों की भावुक अपील
स्वास्थ्य सचिव श्री अमित कटारिया ने कहा कि “हमारा लक्ष्य सिर्फ आंकड़े नहीं, ठोस परिणाम हैं।” वहीं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की प्रबंध संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने ‘नि-क्षय मित्र’ को सामुदायिक भागीदारी का मॉडल बताते हुए कहा, “अब टीबी उन्मूलन सिर्फ अभियान नहीं, बल्कि एक सामाजिक संकल्प है।”
इस गरिमामय समारोह में डॉ. सुरेंद्र पामभोई, जिले के सीएमएचओ, सिविल सर्जन, डीपीएम, ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर सहित सैकड़ों स्वास्थ्य अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ ने दिखाया कि यदि संकल्प, समर्पण और सहभागिता हो — तो कोई भी बीमारी, चाहे वह टीबी जैसी गंभीर क्यों न हो, जड़ से मिटाई जा सकती है।
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