रायपुर, 3 मई 2025।
केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों द्वारा अप्रैल 2025 में रिकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन को ‘उपलब्धि’ के रूप में पेश किए जाने पर प्रदेश कांग्रेस ने करारा हमला बोला है। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि यह बढ़ा हुआ टैक्स संग्रहण देश की अर्थव्यवस्था के सुधरने का नहीं, जनता की कमर टूटने का संकेत है।“न उत्पादन बढ़ा, न रोजगार, न खपत—सिर्फ महंगाई बढ़ी, और उसी पर सरकार ताली बजा रही है।”
भाजपा सरकार की टैक्स नीति = महंगाई + मुनाफाखोरी + झूठा प्रचार
वर्मा ने कहा, “वो सामान जो पिछले साल 100 रुपए में बिकता था, आज वही 125 रुपए का है। सरकार उसी पर बढ़े हुए टैक्स को ‘सफलता’ बताकर वाहवाही बटोर रही है।”
उन्होंने सीमेंट का उदाहरण देते हुए बताया कि पहले एक बोरी सीमेंट 225 रु में मिलती थी, अब 310 रु में। पहले उस पर 63 रु जीएसटी लगता था, अब 87 रु।
“यानी एक बोरी पर ही जनता से 24 रु ज्यादा वसूली की जा रही है, और इसी को ‘रिकॉर्ड टैक्स कलेक्शन’ बताया जा रहा है।”
‘डबल इंजन’ नहीं, डबल शोषण है भाजपा का शासन
प्रदेश कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने दैनिक जीवन की हर ज़रूरत की चीज़—दूध, दही, आटा, तेल, मसाले, साबुन, ब्रश से लेकर कफ़न तक—सब पर टैक्स लगाया है।“भाजपा ने टैक्स से देश नहीं, जनता को बर्बाद किया है। ये टैक्स सुधार नहीं, टैक्स आतंक है।”
उद्योग बंद, निर्यात घटा, आयात बढ़ा—फिर टैक्स कैसे बढ़ा?
कांग्रेस ने केंद्र सरकार के आंकड़ों पर भी सवाल उठाए। अप्रैल 2025 में 2.37 लाख करोड़ का जीएसटी कलेक्शन बताया गया है, जिसमें से 43% आयातित वस्तुओं से आया है।“इसका मतलब ये है कि घरेलू उत्पादन घट रहा है और हम विदेशी माल के गुलाम बनते जा रहे हैं। यह आत्मनिर्भर भारत नहीं, आत्मसमर्पित भारत है।”
कौन खा रहा है मुनाफा, और कौन भर रहा है टैक्स?
सुरेंद्र वर्मा ने दो टूक कहा—“भाजपा सरकार का असली चेहरा यही है—ऊपर से विकास का मुखौटा, अंदर से मुनाफाखोरों की दलाली।””जो जनता थाली में सब्जी पूरी नहीं रख पा रही, वही जीएसटी में सरकार का खजाना भर रही है। यही भाजपा की टैक्स नीति है—गरीब की जेब काटो, अमीर को राहत दो।”
उन्होंने कहा कि-“जनता रो रही है, सरकार शोर मचा रही है।टैक्स से भरे खजाने को सफलता नहीं, जनविरोधी नीति का प्रतीक माना जाना चाहिए।”
