रायपुर | 4 मई 2025
तेन्दूपत्ता संग्राहकों के हक पर डाका डालने वाले अफसरों और समितियों पर अब सरकार का शिकंजा कस गया है। सुकमा जिले में करोड़ों की प्रोत्साहन राशि के वितरण में हुई गड़बड़ी के बाद जिला वनमंडलाधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है। यही नहीं, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया है।
यह कार्रवाई तब हुई जब सामने आया कि जिन संग्राहकों को नगद भुगतान होना था, उन्हें अब तक पैसा नहीं मिला। जांच में पता चला कि सुकमा जिले की 11 समितियों ने जानबूझकर भुगतान नहीं किया।
राशि मिली लेकिन लोगों तक नहीं पहुँची
2021 और 2022 में लगभग 50 हजार तेन्दूपत्ता संग्राहकों को ₹7.85 करोड़ की प्रोत्साहन राशि दी जानी थी। कुछ संग्राहकों को बैंक खातों के माध्यम से राशि मिली, लेकिन जिनका खाता नहीं था, उनके लिए नगद भुगतान की अनुमति दी गई थी। इसके लिए पैसा यूनियन को ट्रांसफर किया गया, लेकिन सुकमा, फूलबगड़ी, दुब्बाटोटा, जगरगुण्डा, मिचीगुड़ा, बोड़केल, कोंटा, जग्गावरम, गोलापल्ली, किस्टाराम और पालाचलमा समितियों ने भुगतान नहीं किया।
सरकार ने दिखाई सख्ती
शासन ने इन 11 समितियों के प्रबंधकों को तत्काल हटाकर संचालक मंडलों को भंग कर दिया है। दोषी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू हो चुकी है। वहीं पात्र संग्राहकों को जल्द भुगतान करने की तैयारी है।
अब होगी गहराई से जांच
सूत्रों के मुताबिक, यह घोटाला करोड़ों तक पहुँच सकता है। सरकार ने संकेत दिए हैं कि जरूरत पड़ी तो प्रकरण की जांच आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) से भी कराई जा सकती है।
