प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी सोच और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशानुरूप कोरिया जिला प्रशासन ने जल संरक्षण को लेकर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। ‘कैच द रैन’ और ‘मोर गांव मोर पानी’ के तहत कोरिया जिले में ‘आवा पानी झोंकी’ अभियान चलाया गया, जिसके तहत गुरुवार, 29 मई को सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच महज तीन घंटे में जिले के तीनों नगरीय निकाय—बैकुण्ठपुर नगर पालिका, शिवपुर-चरचा नगर पालिका, नगर पंचायत पटना—तथा बैकुण्ठपुर और सोनहत विकासखंडों के 162 गांवों में कुल 660 सोख्ता गड्ढे खोदे गए।
इस अभियान का उद्देश्य बारिश के पानी को जमीन में समाहित करना और भूजल स्तर को बढ़ाना है। इस दौरान जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और ग्रामीणों ने जल संरक्षण की शपथ भी ली। जिला कलेक्टर चंदन त्रिपाठी ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि इस अभियान के जरिए जिले में पानी बचाने की दिशा में अनूठी पहल की गई है। उन्होंने कहा कि जल शक्ति मंत्रालय की ‘कैच द रैन’ पहल और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की ‘मोर गांव मोर पानी’ योजना के तहत यह कार्य किया गया।
660 सोख्ता गड्ढों के निर्माण कार्य को ‘द गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ ने भी मान्यता दी है। रायपुर से पहुंची सोनल राजेश शर्मा ने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में गड्ढे खोदने का रिकॉर्ड समय में पूरा होना गर्व की बात है। इस मौके पर उन्होंने कलेक्टर चंदन त्रिपाठी को मैडल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी ने बताया कि इन गड्ढों की वजह से हर साल 60 सामान्य आकार के तालाबों के बराबर पानी भूमि में समाहित होगा। इससे भूजल स्तर में इजाफा होगा और भविष्य में पानी की किल्लत कम होगी। उन्होंने बताया कि इस अभियान को जनभागीदारी से पूरा किया गया और इसमें 42 लाख 90 हजार रुपये की शासकीय लागत की बचत भी हुई।
कोरिया जिले की इस उपलब्धि से निश्चित ही अन्य जिलों को भी प्रेरणा मिलेगी और जल संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाने का संदेश जाएगा।







