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July 23, 2025 5:24 pm

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युक्तियुक्तकरण ने जितना दर्द दिया है उससे ज़्यादा दर्द खुलेआम अधिकारियों द्वारा किया गया अनियमिताओं और उच्च अधिकारियों के मौन ने दिया :- प्रदीप पाण्डेय प्रांतीय संचालक शिक्षक साझा मंच

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युक्तियुक्तकरण में शिक्षक साझा मंच का विरोध के बावजूद कई जिले में अनियमितता लगातार सामने आ रही है जिसपर उच्च अधिकारियों को संज्ञान लेना चाहिए था। जिसमें कई जगह संज्ञान लिया गया और कई जगह मौन धारण कर लिया गया। शिक्षक साझा मंच ने पोल खोल अभियान चलाया जिसमें कई जगह कि त्रुटि सामने लाया गया जिसमें प्रांतीय संचालक सुधार और कार्यवाही चाहते थे लेकिन ऐसा कुछ होता हुआ नज़र नहीं आया।

प्रदीप पाण्डेय अध्यक्ष सर्व शिक्षक संघ और प्रांतीय संचालक ने ऐसे प्रकरणों में शिक्षक साथियों का दर्द जाहिर किया और कहा कि शिक्षक अब क्या कोल्हू का बैल हो गया है जिसे जहाँ चाहें जोत दो।

उन्होंने बेमेतरा जिले के शा हायर सेकंडरी स्कूल गोंडगिरी में कम व्याख्याता के मुद्दे पर मुखर होकर अपनी राय रखी और कहा कि वर्तमान में 8 व्याख्याता उस स्कूल में है। कक्षा 9वीं से 12वीं तक की कक्षा और समस्त संकाय को कम व्याख्याता किस तरह अध्यापन कराएँगे, जिसमें एक व्याख्याता प्रभारी प्राचार्य का पद सम्हाल रहे है। कला की एकमात्र व्याख्याता है। वहाँ विगत 3 साल से व्याख्याता का कई पद रिक्त है फिर भी युक्तियुक्तकरण में पद नहीं दिखाना साफ तौर पर अधिकारियों कि निकम्मापन दिखाता है।व्याख्याता के कमी के कारण कई क्लास में 70-80 बच्चों को एकसाथ बैठा के पढ़ाना पड़ता है। प्रदीप पाण्डेय ने साफ कहा कि क्या यें नियम के तहत सही है ? क्या इस तरह बच्चें कि पढ़ाई सही तरीके से हो सकेगी ? क्या यें अधिकारियों के कार्य के प्रति सवाल नहीं उठाता ? युक्तियुक्तकरण में क्या इस स्कूल में व्याख्याता और आना नहीं चाहिए था ? क्या रिक्त पद छिपाया गया ? बेमेतरा में ऐसे कई स्कूल है जहाँ इस तरह कि अव्यवस्था है जिससे शिक्षक परेशान चल रहे है जिसके बारे में भी पोल खोला जाएगा।

प्रदीप पाण्डेय ने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर किया और अपना खुला पत्र लिख कर शिक्षक वर्ग के दर्द को जाहिर किया

युक्तियुक्तकरण में जो गड़बड़ियां की गई है वह सब धीरे-धीरे सामने आ रही है । जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ में दो स्कूलों के बीच की दूरी 1.8 किलोमीटर थी उसे गलत तरीके से मर्ज कर दिया गया था जिसकी शिकायत कलेक्टर से हुई और कलेक्टर ने जांच बिठा दिया इसके बाद तो जिला पंचायत में खुद लिख कर दिया है की स्कूलों को गलत तरीके से मर्ज किया गया था ।

ऐसे ही गड़बड़ी बिलासपुर जिले में बैमा में भी की गई है जहां कन्या स्कूल जिसकी दर्ज संख्या 99 है को बॉयज स्कूल के साथ मिला दिया गया जबकि दोनों स्कूल रोड के अलग-अलग साइड में है फिर भी उसे एक ही परिसर में बताया गया और दुर्भाग्य यह है कि इस मामले की शिकायत भी जिला शिक्षा अधिकारी और कलेक्टर महोदय के कार्यालय में लिखित में की गई है लेकिन किसी प्रकार का कोई संज्ञान नहीं लिया गया । युक्तियुक्तकरण ने उतना दर्द नहीं दिया है जितना दर्द इन अनियमिताओं ने दिया है।  

जब से युक्तियुक्तकरण हुआ है तब से रोज शिक्षकों का फोन आता है अपनी – अपनी परेशानियां बताते हैं और सोच कर हैरान हो जाता हूं कि प्रदेश के हर जिले में इतने बड़े पैमाने पर क्या धोखे से गड़बड़ी हुई है ? यह संभव ही नहीं है की ऐसी गड़बड़ियां धोखे से हो जाए । पता नहीं कैसे अधिकारियों को महिलाओं का, दिव्यांगों का और स्कूली बच्चों का दर्द दिखाई नहीं दिया । कैसे वह अपनी समस्या लेकर पहुंचे शिक्षकों को फटकार लगाकर वापस भेज देते हैं। भगवान के घर में देर है अंधेर नहीं , जिन्हें जितना अत्याचार करना है कर लें लेकिन यह याद रखें कि सबको अपने कर्मों की सजा अवश्य मिलेगी चाहे फिर वह किसी भी रूप में क्यों न हो। 

आज जब इस पत्र को लिख रहा हूं तो फिर पूरे यकीन से सार्वजनिक कह रहा हूं की गलतियां धोखे से नहीं हुई है जानबूझकर की गई है चाहे फिर किसी भी जिले में हो।

Udalak
Author: Udalak

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