जशपुरनगर :- मुख्यमंत्री के गृह जिले में जिला शिक्षा अधिकारी को लेकर बीते 5 माह से असमंजस की स्थिति बनी हुई है। राज्य सरकार ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एमजेडयू सिद्दीकी को डीईओ के रूप में पदस्थ करने का आदेश जारी किया था। लेकिन जिला प्रशासन ने उन पर विभागीय जांच का हवाला देते हुए, कार्यभार देने से रोकते हुए, एक व्याख्याता नरेन्द्र सिन्हा को जिला शिक्षा अधिकारी का प्रभार दे दिया था। जिले में दो जिला शिक्षा अधिकारी होने के बाद, सिद्दीकी गए छुट्टी में, नरेन्द्र सिन्हा ने प्रभार से मुक्त करने कलेक्टर को दिया आवेदन। जिससे जिला शिक्षा विभाग में कमर्चारियों का वेतन अधर में लटका हुआ है, जिला शिक्षा विभाग की नही, जिले के सभी आत्मानंद के सभी स्कूलों का स्टाप, मान्यता प्राप्त स्कूल, सविधा नियुक्ति कर्मचारी सभी का वेतन नही निकल पाने से कर्मचारी परेशान है।
इसके साथ ही जिले में दो जिला शिक्षा अधिकारी होने के बाद भी इन दिनों बोर्ड की परीक्षाएं, शिक्षा विभाग के अधिकारी के बिना ही संचालित हो रही है। नरेन्द्र सिन्हा ने जिला प्रशासन को डीईओ के प्रभार से मुक्त करने के लिए आवेदन दे दिया है, तो दूसरी ओर एमजेडयू सिद्दीकी बिना प्रभार के बैठे हुए हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी के पद को लेकर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय से विवाद चला आ रहा है। कांग्रेस सरकार की महत्वाकांक्षी स्वामी आत्मानंद स्कूल में योजना में शिक्षकों की भर्ती के दौरान हुई कथित गड़बड़ी को लेकर तात्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी एसएन पंडा पर निलंबन की गाज गिरी थी। निलंबन की कार्रवाई के बाद राज्य सरकार ने जेके प्रसाद को जिला शिक्षा अधिकारी बना कर जशपुर भेजा। लेकिन जल्द ही प्रसाद भी विवादों से घिर गए और उन्हें हटा कर कांग्रेस सरकार ने मधुलिका तिवारी को पदस्थ किया। लेकिन प्रसाद के हाईकोर्ट से स्थगन आदेश ले आने से मधुलिका तिवारी और जेके प्रसाद के बीच पदस्थापना को लेकर खिंचतान की स्थिति बन गई। हाईकोर्ट के स्टे आर्डर के आधार पर अपनी ज्वाईनिंग देते हुए जेके प्रसाद ने मधुलिका तिवारी को एक तरफा भारमुक्त कर दिया था। इस बीच राज्य सरकार ने जिले के स्कूलों में एकल शिक्षकीय और संलग्नीकरण के मामले में जेके प्रसाद को निलंबित कर दिया था। निलंबन की कार्रवाई के बाद राज्य सरकार ने एमजेडयू सिद्दीकी की पदस्थापना की थी।
लगभग 15 दिन पहले सरगुजा संभाग के कमीश्नर जीआर चुरेन्द्र ने एमजेडयू सिद्दीकी के विरूद्व चल रहे विभागीय जांच में तकनीकी खामियां गिनाते हुए, खारिज कर दिया था। इसके बाद सिद्दीकी ने एक तरफा कार्यभार ग्रहण करते हुए, प्रभारी डीईओ नरेन्द्र सिन्हा को कार्यमुक्त कर दिया था। मिली जानकारी के अनुसार जिला शिक्षा अधिकारी सिद्दीकी भी किसी भी फाइल में हस्ताक्षर नहीं कर रहे है उन्हें विभाग के कामों से किनारे किया गया है इस कारण विभाग के काम रुके हुए है
अब देखने वाली ये बात है कि कब तक जिला शिक्षा अधिकारी के पद का शासन प्रशासन निराकरण कर पाता है, और कर्मचारियों का वेतन की भुगतान हो पाएगी।







