मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ कहते हैं कि मैं बचपन में बहुत शर्मीला था. यह सिलसिला आज तक कायम है. आज भी बहुत ज्यादा लोगों से मिलता-जुलता नहीं हूं.

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ कहते हैं कि मैं बचपन में बहुत शर्मीला था. यह सिलसिला आज तक कायम है. आज भी बहुत ज्यादा लोगों से मिलता-जुलता नहीं हूं.
© Copyright - Khabar Gatha | Site Designed and Developed by Website Designing Company in India - Traffic Tail
WhatsApp us