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December 7, 2025 12:00 pm

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पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI का एजेंट गुजरात से हुआ अरेस्ट.. आरोपी GICD मे तैनात इंजिनियर

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गुजरात की CID क्राइम ब्रांच टीम ने बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी एक इंजिनियर को भरुच के अंकलेश्वर से अरेस्ट किया है। वह पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी को भारत की गोपनीय जानकारी उपलब्ध कराता था। उसका भाई सेना मे तैनात है। वही से उसे देश की गोपनीय सूचना साझा करने मे मदद मिली। उसने ISI एजेंट सोनल गर्ग के संपर्क मे आकर उसने यह काम अंजाम दिया। अब वह खुद को ‘ हनी ट्रेप’ मे फंसना बता रहा है।

गुजरात के भरूच जिले जासूसी करने के आरोप में गुरुवार (9 मई) को एक एजेंट को गिरफ्तार किया गया है, पुलिस ने बताया कि आरोपी की पहचान प्रवीण मिश्रा के रूप में हुई है। आरोपी प्रवीण मिश्रा हनीट्रैप के शिकार के बाद रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की ओर से बनाए गए ड्रोन की महत्वपूर्ण जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के साथ साझा की।

गुजरात सीआईडी के एडीजीपी राजकुमार पांडियन ने बताया कि उधमपुर से मिली एक गोपनीय सूचना के बाद सीएसएल सीआईडी क्राइम ने भरूच के पास अंकलेश्वर में एक फैक्ट्री में निगरानी रखी, इसी दौरान हमें प्रवीण मिश्रा नाम का एक व्यक्ति मिला। इसके बाद उसके फोन की जांच की गई, जिसके अनुसार मुख्य आरोपी पाकिस्तान की एक ISI हैंडलर है, जिसने अपनी पहचान सोनल गर्ग के रूप में बताई थी।

ISI हैंडलर ने प्रवीण मिश्रा को बताया था कि वह आईबीएम चंडीगढ़ में काम करती है, उसने प्रवीण मिश्रा को हनीट्रैप में फंसाया और प्रवीण मिश्रा से भारत की रक्षा संबंधी जानकारियां निकलवाईं। अधिकारी ने आगे कहा कि रक्षा प्रतिष्ठानों के लिए काम करने वाले कई अन्य लोगों को भी ISI ने निशाना बनाया है,उधर सीआईडी ने एक प्रेस रिलीज में बताया कि प्रवीण मिश्रा फिलहाल भरूच जिले के अंक्लेश्वर में रह रहा था और देश के खिलाफ आपराधिक साजिश को अंजाम देने के लिए व्हाट्सएप कॉल और ऑडियो के जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के संपर्क में था।आरोपी प्रवीण मिश्रा के खिलाफ आईपीसी की धारा 123, IT अधिनियम और साजिश अपराथ के तहत मामला दर्ज किया है और आगे की जांच जारी है,बताया जा रहा है कि सुरक्षा एजेंसियों ने सीआईडी को सुरक्षा बलों के वर्तमान या रिटायर्ड कर्मचारियों के बारे में सतर्क किया था। सीआईडी ने कहा कि डीआरडीओ, एचएएल और मिसाइल प्रणाली के विकास के अनुसंधान और विकास से जुड़े कर्मचारियों का इस्तेमाल गोपनीय जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जा रहा है।

Amit Soni
Author: Amit Soni

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