जशपुर– जिले में प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन और जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास से इस वर्ष जशपुर जिले के दुलदुला ब्लॉक में सरल कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्राथमिक शालाओं के कक्षा 3 से 5 तक के बच्चों को भाषा और गणित में बुनियादी शिक्षा प्रदान करना है।

TaRL पद्धति के तहत बच्चों को उनकी सीखने की क्षमता के अनुसार समूहों में बांटकर शिक्षण कार्य किया जाता है। इस वर्ष सभी प्राथमिक शालाओं में असर टूल का उपयोग करते हुए बच्चों का बेसलाइन टेस्ट लिया गया, जिसमें बच्चों का आकलन कर उनके शैक्षणिक स्तर को मापा गया।शिक्षकों ने परीक्षण के डाटा को OMR पर एंट्री कर डिजिटली रिकॉर्ड किया। शिक्षकों द्वारा बच्चों के स्तरानुसार शिक्षण कार्य किया जा रहा है।
हाल ही में प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन से दिव्य पाठक ने दुलदुला विकास खण्ड अधिकारी हेमंत कुमार नायक एवं बी.आर.सी.सी. दीपेंद्र सिंह से मुलाकात कर बेसलाइन डाटा साझा किया। इस दौरान बच्चों के भाषा और गणित में सुधार के प्रतिशत पर चर्चा की गई और आगे की कार्य योजना तैयार की गई। कार्यक्रम के तहत सभी शालाओं में नियमित कक्षा संचालन किया जा रहा है। शिक्षकों को बच्चों को अधिक प्रभावी ढंग से पढ़ाने के लिए विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है। कार्यक्रम के परिणामस्वरूप बच्चों के भाषा और गणित के कौशल में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है। जिला प्रशासन और प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन का यह संयुक्त प्रयास शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जिला प्रशासन ने सभी संकुल समन्वयक और शिक्षकों से अपील की है कि वे बच्चों को से प्रतिदिन 1 घंटा भाषा व 1 घंटा गणित स्तरानुसार बच्चों को नियमित रूप से TaRL पद्धति से खेल –खेल में पढ़ाया जाए। स्कूलों की मॉनिटरिंग के दौरान शिक्षकों के द्वारा गतिविधियां करवाते हुए देखी जा रही है। इस न्यूज को ओ अच्छे से बेहतर बनाकर दिजिए
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जशपुर जिले में सरल कार्यक्रम से शिक्षा में नई दिशा, TaRL पद्धति से बच्चों में सुधार
जशपुर जिले के दुलदुला ब्लॉक में इस वर्ष सरल कार्यक्रम का संचालन, प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन और जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कक्षा 3 से 5 तक के बच्चों को भाषा और गणित में बुनियादी शिक्षा प्रदान करना है, जिससे उनके शैक्षिक स्तर में सुधार हो सके।
इस पहल में TaRL (Teaching at the Right Level) पद्धति का उपयोग किया जा रहा है, जिसमें बच्चों को उनकी व्यक्तिगत सीखने की क्षमता के अनुसार समूहों में बांटकर शिक्षण कार्य किया जाता है। इस वर्ष, जिले के सभी प्राथमिक स्कूलों में बच्चों के शैक्षिक स्तर का आकलन करने के लिए असर टूल का उपयोग कर एक बेसलाइन टेस्ट लिया गया। इस टेस्ट में बच्चों के भाषा और गणित के कौशल का मूल्यांकन किया गया, और परिणामों को OMR के जरिए डिजिटली रिकॉर्ड किया गया। इसके आधार पर बच्चों के स्तर के अनुसार शिक्षण कार्य किया जा रहा है, जिससे उनके सीखने की प्रक्रिया में लगातार सुधार देखा जा रहा है।
हाल ही में, प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन के प्रतिनिधि दिव्य पाठक ने दुलदुला विकास खण्ड अधिकारी हेमंत कुमार नायक और बी.आर.सी.सी. दीपेंद्र सिंह से मुलाकात की, जहां बच्चों के शिक्षा में हुए सुधार पर चर्चा की गई और भविष्य की कार्य योजना तैयार की गई। इस बैठक में बच्चों के भाषा और गणित में सुधार के प्रतिशत पर विशेष रूप से विचार विमर्श हुआ।
कार्यक्रम के तहत सभी प्राथमिक स्कूलों में नियमित कक्षा संचालन किया जा रहा है और शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है ताकि वे बच्चों को अधिक प्रभावी ढंग से पढ़ा सकें। जिला प्रशासन ने संकुल समन्वयकों और शिक्षकों से अपील की है कि वे हर दिन बच्चों को 1 घंटा भाषा और 1 घंटा गणित पढ़ाएं, और इसे TaRL पद्धति के माध्यम से खेल-खेल में सिखाने का प्रयास करें।
इस कार्यक्रम के परिणामस्वरूप, बच्चों के भाषा और गणित के कौशल में उल्लेखनीय सुधार देखा जा रहा है। प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन और जिला प्रशासन का यह संयुक्त प्रयास जिले में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है। विद्यालयों में हो रही गतिविधियों की नियमित मॉनिटरिंग के द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि शिक्षण कार्य बच्चों के स्तर के अनुसार पूरी तरह से प्रभावी हो।
यह कार्यक्रम जिले में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने की दिशा में एक सकारात्मक पहल साबित हो रहा है, जो भविष्य में और भी बच्चों को लाभान्वित करेगा।
