रायपुर, 5 जून 2025
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 24 के अंतर्गत अब तक जारी सभी पुरानी अधिसूचनाओं को रद्द कर दिया है। यह निर्णय 1 जनवरी 2024 से प्रभावशील अधिसूचनाओं को निरस्त कर, नवीन अधिकारों के पुनर्निर्धारण के उद्देश्य से लिया गया है।
नवीन अधिसूचना के अनुसार संहिता की धाराओं 60, 222, 223, 224 एवं 226 के अंतर्गत उपखंड अधिकारियों को अब कलेक्टर के समान अधिकार प्रदान किए गए हैं। हालांकि ये अधिकार केवल उन्हीं सीमाओं में प्रभावी होंगे, जो उन्हें कलेक्टर द्वारा सौंपे गए हैं।
नगरीय क्षेत्र की भूमि से संबंधित मामलों में संहिता की धारा 93 और 94 के अंतर्गत नजूल अधिकारी के रूप में संयुक्त कलेक्टर या डिप्टी कलेक्टर कार्य करेंगे। इनके आदेशों की अपील संहिता की धारा 44 के तहत कलेक्टर के समक्ष होगी।
साथ ही, संहिता की धारा 143 के अंतर्गत उपखंड अधिकारियों को क्षेत्राधिकार के अनुरूप अधिकार दिए गए हैं। समस्त तहसीलदारों को उनके आबंटित क्षेत्राधिकार में कार्य करने का अधिकार रहेगा।
नायब तहसीलदारों को भी मिला स्पष्ट क्षेत्राधिकार
नवीन अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सभी स्थायी नायब तहसीलदार, जिन्होंने सीधी भर्ती से नियुक्ति प्राप्त की हो, 2 वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली हो और विभागीय परीक्षाएं उत्तीर्ण की हों, उन्हें भी कलेक्टर द्वारा आबंटित क्षेत्राधिकार के अंतर्गत कार्य करने का अधिकार होगा।
इसी प्रकार, सीमित भर्ती परीक्षा या पदोन्नति से नियुक्त नायब तहसीलदार, जिन्होंने 2 वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली हो, उन्हें भी यही अधिकार प्राप्त होंगे।
अधीक्षक एवं सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख को भी मिली जिम्मेदारी
अधिसूचना में उल्लेख है कि अधीक्षक भू-अभिलेख एवं सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख, जिन्हें तहसीलदार या नायब तहसीलदार का प्रभार सौंपा गया हो, वे भी केवल उन्हीं क्षेत्रों में कार्य कर सकेंगे जो कलेक्टर द्वारा आबंटित किए गए हों।
यह अधिसूचना प्रशासनिक स्पष्टता, विकेंद्रीकरण और कार्य-दक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
