Boring Ban Imposed
गर्मी शुरू होते ही जिले में पानी की किल्लत की आशंका को देखते हुए मुंगेली कलेक्टर राहुल देव ने बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने पूरे मुंगेली जिले को “जल अभावग्रस्त क्षेत्र” घोषित करते हुए कहा है कि अब कोई भी व्यक्ति या संस्था बिना अनुमति के नलकूप (बोरवेल) नहीं खोद सकेगा।
यह आदेश छत्तीसगढ़ पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 के तहत जारी किया गया है।
शासन के बोरिंग को छूट:
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग
नगर पालिका और नगर पंचायत (सिर्फ पेयजल के लिए)
हालांकि इन एजेंसियों को भी बोरिंग की जानकारी प्राधिकृत अधिकारी को देनी होगी।
अनुमति लेने की प्रक्रिया:
आवेदन SDM कार्यालय में मिलेगा (₹2 शुल्क)
जरूरी कागजात के साथ जमा करें आवेदन
जांच के बाद 10 दिनों में मिलेगी मंजूरी
कौन देगा अनुमति:
अतिरिक्त कलेक्टर को प्राधिकृत अधिकारी बनाया गया है
उनकी अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति बनाई गई है
बिना अनुमति बोरिंग किया तो कार्रवाई तय
अगर कोई नियम तोड़कर नलकूप खोदता पाया गया तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर ने सभी नागरिकों से अपील की है कि जल संकट के इस दौर में प्रशासन का साथ दें और आदेश का पालन करें।
