छत्तीसगढ़ व्याख्याता वाणिज्य विकास संघ के संयोजक एवं प्रदेश अध्यक्ष विष्णु प्रसाद साहू ने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा वर्तमान में जारी युक्तियुक्तकरण काे संशाेधन करने की अवश्यकता है, 2008 सेटअप काे बदले बिना युक्तियुक्तकरण करने से संघ काे काेई आपत्ति नही है ,, लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग ने फिर से पुराने आदेश काे नई तिथि पर बिना काेई संशाेधन एवं शिक्षक संगठनाे के निर्देशाे काे सुने जारी कर दिया है यह गलत है।
शिक्षा,छात्र एवं शिक्षकहित में विसंगति पूर्ण युक्तियुक्तकरण में सुधार के लिए निम्न ज्ञापन डीपीआई एवं शिक्षा सचिव काे दिया गया –
1- 2008 सेटअप अनुसार ही हाे शिक्षकाे की पदस्थापन– विद्यालयाेे में निर्धारित शिक्षा काे ध्यान में रखते हुए 2008 का सेटअप वित्त विभाग से स्वीकृत है, जिसके अनुसार प्राथमिक विद्यालयों में 01 प्रधानपाठक 02 सहायक शिक्षक, पूर्व माध्यमिक शाला में 01 प्रधानपाठक 04 विषय शिक्षक, हाईस्कूल में 01 प्राचार्य 06 व्याख्याता, 01 विज्ञान सहायक, हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में 01 प्राचार्य, 11 व्याख्याता, 03 विज्ञान सहायक एवं 01 व्यायाम शिक्षक स्वीकृत किया गया है, जबकि वर्तमान युक्तियुक्तकरण में प्राथमिक में 01 प्रधानपाठक 01 सहायक शिक्षक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय मे 01 प्रधानपाठक 03 विषय शिक्षक, प्राथमिक विद्यालयों के 05 कक्षाें के लिए 02 शिक्षक हाेना अपने आप में गलत है, कैसे 02 शिक्षक 05 कक्षा के छात्र – छात्राओं काे पढायेंगे, सुरक्षा एवं निगरानी करेंगे, कैसे गुणवत्ता आयेगी, इससे प्राथमिक विद्यालय दाल भात केन्द्र बन जायेंगे।
02- हायर सेकेंडरी विद्यालयों में युक्तियुक्तकरण– 2008 के सेटअप में छत्तीसगढ़ में छात्रों के बेहतर शिक्षा के लिए साइंस संकाय में 03 अलग- अलग विषय के लिए 03 व्याख्याता दिये गये, प्रायाेगिक के लिए 03 विज्ञान सहायक दिये गये तथा वाणिज्य संकाय के कक्षा 11वीं एवं 12 वीं के 03 अलग – अलग विषय लेखाशास्त्र, व्यवसाय अध्ययन, औद्योगिक संगठन/ अर्थशास्त्र के लिए 02 व्याख्याता दिये गये, लेकिन वर्तमान युक्तियुक्तकरण के माध्यम से 2008 सेटअप परिवर्तन से 04 कालखंड एवं छात्र बंधन सीमा की वजह से वाणिज्य संकाय में 02 व्याख्याता की जगह 01 व्याख्याता हाे जाने का अंदेशा है , 01 व्याख्याता के द्वारा प्रत्येक दिन 06 क्लास लेना संभव नही है, जिससे कक्षा 11वीं एवं कक्षा 12वीं प्रभावित हाेगी, विगत कई वर्षों से शहराे के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में वाणिज्य संकाय के प्रति छात्र – छात्राओं की रूचि बढी है,छत्तीसगढ़ के बाेर्ड परीक्षा परिणामाे में वाणिज्य संकाय का प्रतिशत लगातार बढा है, सत्र 2023 – 24 के परीक्षा परिणाम में टॉप 10 में 50 प्रतिशत छात्र- छात्राएँ वाणिज्य संकाय के है, 2024-25 वर्तमान बाेर्ड परीक्षा में टॉप-10 में 19 छात्र-छात्राओं ने जगह बनाई, जिसमेम से 15 छात्र-छात्राएं वाणिज्य संकाय से है, प्रथम पायदान पर वाणिज्य संकाय का ही छात्र है, जिस पर दैनिक समाचार में भी लेख 09 मई काे छापा गया था, 03 विषय एवं प्रायाेजना कार्य के लिए 01 व्याख्याता हाेने से कक्षा 11वीं एवं कक्षा 12वीं के 06 कक्षाएं प्रभावित हाेगी, व्याख्याता का किसी कारणवश मेडिकल अवकाश में चले गया ताे साल भर छात्र-छात्राएं बिना विषय शिक्षक के रहने काे मजबूर हाे जायेंगे।
03- हाईस्कूल से हायर सेकेण्डरी में उन्नयन– 2008 सेटअप में वाणिज्य संकाय के 02 पद है, लेकिन 2011- 12 के बाद उन्नयन हुए विद्यालय में वाणिज्य संकाय काे 01 पद दिया जा रहा है, 2011-12 के बाद उन्नयन हुए विद्यालयाे में कक्षा 11वीं एवं कक्षा 12वीं के विषय लेखाशास्त्र, व्यवसाय अधययन, औद्योगिक संगठन/ अर्थशास्त्र में 06 कक्षाओं के लिए 02 पद दिये जाये।
04- प्रशिक्षण– छत्तीसगढ़ में संचालित हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में जिला स्तर पर सेवाकालिन प्रशिक्षण दिया गया है, जिसमें वाणिज्य संकाय काे अलग रखा गया, उपेक्षित किया गया, कुछ जिलाें में वाणिज्य संकाय के व्याख्याताओं काे कला संकाय में प्रशिक्षण दिया गया , अतः वाणिज्य संकाय के व्याख्याताओ काे विज्ञान संकाय, कला संकाय के भांति अलग से भविष्य में राज्य या जिला स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाये।
05- छत्तीसगढ़ में संचालित हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में वाणिज्य संकाय में औद्योगिक संगठन वैकल्पिक विषय संचालित हाे रही है जिसमें औद्योगिक संगठन में पूर्णाक 100 है, अतः अन्य विषयाें के भांति औद्योगिक संगठन में सैद्धांतिक 80 नंबर एवं प्रायाेजना 20 नंबर का दिया जावें।
06- वाणिज्य संकाय के टॉपर्स के लिए काेचिंग की व्यवस्था- जिस प्रकार 12 वीं विज्ञान संकाय के टॉपर काे जेईई एवं एनईईटी के लिये सरकार के द्वारा काेचिंग सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है, उसी प्रकार वाणिज्य संकाय के टॉपर्स छात्र- छात्राओं काे सीए/सीएस, पीएससी एवं यूपीएससी की तैयारी के लिए निशुल्क काेचिंग की व्यवस्था सरकार के द्वारा किया जाना चाहिए।*
07- स्थानांतरण पश्चात् हाे युक्तियुक्तकरण– प्रदेश में हजारों शिक्षक वर्षाे से अपने स्थानांतरण का इंतजार कर रहे है, स्थानांतरण की प्रक्रिया सार्वजनिक वही हाेने से विशेष प्रभावशाली शिक्षक ही लाभान्वित हुए है, युक्तियुक्तकरण प्रकिया पहले हाेने से स्थानांतरण हेतु पद अत्यंत सीमित हाे जायेंगे, अतः स्थानांतरण पश्चात् ही युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया काे आरंभ किया जाना चाहिए, जिससे अनेक अति शेष शिक्षक स्वतः ही समायोजित हाे जायेंगे।
08- शिक्षक संगठनाे की बैठक– युक्तियुक्तकरण के प्रावधानों पर तत्काल शिक्षक संगठनाे की बैठक बुलाकर सम्पूर्ण चर्चा किया जाकर, जाे शिक्षा की गुणवत्ता और शिक्षक काे प्रभावित करने वाले बिन्दु है, उसकाे संशाेधन करने के पश्चात ही आगे की कार्यवाही किया जाये।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ व्याख्याता वाणिज्य विकास संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष ममता वाडदे, प्रदेश सहउपाध्यक्ष गीता नायर, प्रदेश संचालक खाेमन लाल साहू, प्रदेश सचिव विवेक धुर्वे, प्रदेश संरक्षक जगदीश दिल्लीवार, अनिता घाेरपडे जिला अध्यक्ष धमतरी, मधुसूदन सिंह जिला अध्यक्ष बीजापुर, लक्ष्मीनारायण साहू जिला अध्यक्ष बेमेतरा, शिवशंकर सिंह कार्यवाहक जिला अध्यक्ष बस्तर, भारती साहू कार्यवाहक जिला अध्यक्ष राजनांदगांव, रश्मि पटेल कार्यवाहक जिला अध्यक्ष रायपुर, चंद्रकला साहू ( सरगुजा), जीसी देवांगन( जांजगीर चापा), याेगेश्वर दिवान कार्यवाहक जिला अध्यक्ष गरियाबंद, रवि गुप्ता( कवर्धा), अनिल जैन( जगदलपुर), चेतना गुप्ता (रायपुर, प्रतिभा लिमशाकरे( रायपुर)),संजय देवांगन ( अंबागढ चाैकी), सुधीर दूबे( जशपुर), नवीन साहू ( धमतरी), मिताली ( डाेंगरगांव), एल एन साहू ( बेमेतरा), माेना प्रधान( दुर्ग), रामनारायण शर्मा( कांकेर), अजय चंद्राकर( महासमुंद), वृत्युंजय भारती (धमतरी), श्यामद्ववेदी( महासमुंद), सीबा(बालाेद), दीपक ( रायगढ़), याेगेश्वर दिवान ( गरियाबंद), विनय साहू ( दंतेवाड़ा), उमाशंकर साहू ( दंतेवाड़ा), वासु देवांगन ( मानपुर- माेहला) एवं अन्य सभी वाणिज्य संकाय के व्याख्याता साथी उपस्थित रहे एवं मांगाे पर अपनी सहमति दिये।
