भारत सरकार ने देश के पूर्वी और मध्य हिस्सों को मजबूत रेल नेटवर्क से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल समिति की बैठक में 18,658 करोड़ रुपये की लागत से चार बड़ी रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इनसे छत्तीसगढ़, ओडिशा और महाराष्ट्र के कुल 15 जिलों को सीधा लाभ मिलेगा।
रेल विस्तार की मुख्य परियोजनाएं
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि तीन राज्यों में कुल 1,247 किमी लंबी रेल लाइन बिछाई जाएगी। प्रस्तावित परियोजनाएं निम्नलिखित हैं:
- संबलपुर-जरापड़ा के बीच तीसरी और चौथी लाइन
- झारसुगुड़ा-सासोन के बीच तीसरी और चौथी लाइन
- खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा के बीच 5वीं और 6वीं लाइन
- गोंदिया-बल्हारशाह रेलवे लाइन का दोहरीकरण
19 नए स्टेशन और 47.25 लाख लोगों को फायदा
इन परियोजनाओं के तहत 19 नए रेलवे स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा, जिससे लगभग 3,350 गांवों की 47.25 लाख की आबादी को सीधा लाभ मिलेगा। खासकर नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली (महाराष्ट्र) और राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) की कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण सुधार होगा।
खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा रेल लाइन से बलौदा बाजार जैसे नए क्षेत्र भी रेलवे नेटवर्क से जुड़ेंगे। इससे न केवल आम जनता के आवागमन में सुविधा बढ़ेगी, बल्कि क्षेत्र में औद्योगिक विकास, खासकर सीमेंट प्लांट और अन्य इकाइयों की स्थापना को भी गति मिलेगी।नई रेल लाइनों के माध्यम से हर वर्ष 88.77 मिलियन टन (एमटीपीए) अतिरिक्त माल ढुलाई की क्षमता विकसित होगी। इससे कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, उर्वरक, चूना पत्थर और कृषि उत्पादों के परिवहन को मजबूती मिलेगी।
मल्टी-ट्रैकिंग से ट्रेनों की आवृत्ति बढ़ेगी, जिससे रेलवे संचालन अधिक सुगम होगा और भीड़भाड़ में भी कमी आएगी।ये परियोजनाएं पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का हिस्सा हैं, जो भारत में लॉजिस्टिक्स को एकीकृत और प्रभावी बनाने का राष्ट्रीय मिशन है। इससे लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित होगी।
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