सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को लेकर सरकार की मंशा भले ही सुधारात्मक रही हो, लेकिन शिक्षा विभाग के कुछ जिम्मेदार अधिकारी इसमें गड़बड़ी करने से नहीं चूके। ऐसी ही एक बड़ी लापरवाही सामने आने के बाद बम्हनीडीह के विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी (BEO) एमडी दीवान को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई बिलासपुर संभाग के संयुक्त संचालक (ज्वाइंट डायरेक्टर) ने की है।
बिलासपुर संभाग आयुक्त कार्यालय द्वारा जारी निलंबन आदेश में स्पष्ट किया गया है कि बीईओ दीवान को बम्हनीडीह विकासखंड में पदस्थ अतिशेष शिक्षकों की सूची तैयार कर वरीयता सूची बनानी थी। जांच में पाया गया कि वरीयता सूची के निर्माण में भारी लापरवाही की गई, जिससे युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया प्रभावित हुई। बाद में इस सूची को सुधारा गया और पुनः काउंसलिंग कराई गई।
शासन ने बीईओ दीवान के इस कृत्य को कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही और उदासीनता का प्रतीक मानते हुए निलंबन का निर्णय लिया। निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय स्कूल शिक्षा विभाग, संयुक्त संचालक कार्यालय बिलासपुर संभाग नियत किया गया है। वहीं नियमानुसार उन्हें निलंबन अवधि में जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा।
शिक्षा विभाग में इस कार्रवाई के बाद हड़कंप मचा हुआ है और अब युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।
