Explore

Search

December 6, 2025 12:19 pm

LATEST NEWS
Lifestyle

भगवान बलराम जयंती के उपलक्ष्य में 9 सितंबर को प्रदेश में मनाया जाएगा किसान दिवस

Facebook
Twitter
WhatsApp
Email

रायपुर, 08 सितम्बर 2024/ कृषि के देवता माने जाने वाले भगवान श्री बलराम जी की जंयती के उपलक्ष्य में 9 सितम्बर को प्रदेश में किसान दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम करेंगे। किसान दिवस का आयोजन इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर, कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग तथा भारतीय किसान संघ छत्तीसगढ़ प्रान्त के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। यह कार्यक्रम कृषि महाविद्यालय, रायपुर के कृषि मण्डपम में दोपहर 12ः00 बजे प्रारंभ होगी।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय संगठन मंत्री श्री दिनेश कुलकर्णी होंगे। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में रायपुर लोकसभा सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक सर्वश्री अनुज शर्मा, मोतीलाल साहू, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल एवं भारतीय किसान संघ, छत्तीसगढ़ प्रान्त के अध्यक्ष श्री सुरेश चन्द्रवंशी भी उपस्थित रहेंगे।

किसान दिवस के अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में ‘‘प्राकृतिक एवं गौ आधारित कृषि’’ विषय पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला भी आयोजित की जाएगी, प्राकृतिक एवं गौ आधारित कृषि पर विषय विशेषज्ञों द्वारा किसानों को ‘‘प्राकृतिक एवं गौ आधारित कृषि’’ की संकल्पना, इसकी प्रविधि एवं इससे प्राप्त लाभों से अवगत कराया जाएगा। इस राज्य स्तरीय कार्यशाला में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से 2 हजार से अधिक किसान शामिल होंगे। इसी दिन छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में संचालित 27 कृषि विज्ञान केन्द्रों में भी श्री बलराम जयंती-किसान दिवस समारोह का आयोजन किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि भारतीय संस्कृति में आदिकाल से ही कृषि में गौ उत्पादों जैसे गोबर और गौमूत्र का प्रयोग होता रहा है। गौ आधारित खेती रसायन एवं कीटनाशक मुक्त कृषि की वह पद्धति है जिसमें परम्परागत तरीके से प्रकृति के नियमों का अनुसरण करते हुए देशी पद्धति खेती के सिद्धांत को अपनाकर खेती की जाती है। प्राकृतिक खेती से मिट्टी में पोषक तत्वों की वृद्धि के साथ-साथ जैविक गतिविधियों का विस्तार होता है, जिससे मृदा की उर्वरा शक्ति बढ़ती है और खेती की लागत कम हो जाती है।

Anash Raza
Author: Anash Raza

Leave a Comment