जशपुर:जशपुर पुलिस को ऑपरेशन अंकुश के तहत एक और बड़ी सफलता मिली है। ठगी के दो मामलों में 14 वर्षों से फरार चल रहे कुख्यात ठग अनिल उर्फ नीलू मल्होत्रा को जशपुर पुलिस ने जांजगीर-चांपा से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
फर्जी नौकरी का झांसा, फर्जी नियुक्ति पत्र, लाखों की ठगी
वर्ष 2009 में आरोपी और उसके साथियों ने जनपद पंचायत पत्थलगांव में छात्रावास सहायक पद पर नौकरी लगाने का झांसा देकर प्रार्थियों – कबीर प्रताप साहू (कसडेगा, सिमडेगा, झारखंड) और खीरो सिंह (पतरापाली, जशपुर) से दो लाख 90 हजार रुपये ठग लिए थे। दबाव पड़ने पर फर्जी नियुक्ति पत्र सौंपा गया, लेकिन जब पीड़ित ज्वाइनिंग के लिए पहुंचे, तो वहां नियुक्ति से जुड़ा कोई वैध आदेश नहीं पाया गया।
ठगी के मास्टरमाइंड की गिरफ़्तारी से पहले कई साथी भेजे जा चुके हैं जेल
इस मामले में पहले ही आरोपी विष्णु गुप्ता, धरनीधर, रामसिंह, महेश टोप्पो, देवसाय और चंदा गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका था। लेकिन अनिल उर्फ नीलू मल्होत्रा घटना के समय से फरार था और लगातार अपना ठिकाना बदलता रहा।
कोरबा, उरला से लेकर जांजगीर-चांपा तक पुलिस की निगाह में रहा आरोपी
आरोपी कभी कोरबा, कभी उरला और कभी चांपा में रहकर पुलिस को चकमा देता रहा। लेकिन मुखबिर की सूचना और टेक्निकल सर्विलांस के जरिए उसकी लोकेशन का पता चला। इसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जशपुर श्री शशि मोहन सिंह ने एसएसपी जांजगीर-चांपा श्री विवेक शुक्ला से समन्वय कर पुलिस टीम को रवाना किया, जिसके सहयोग से आरोपी को मारुति बिहार, चांपा से गिरफ्तार कर जशपुर लाया गया।
गिरफ्तारी में इन अधिकारियों की रही अहम भूमिका
मामले की विवेचना एवं गिरफ्तारी में थाना प्रभारी पत्थलगांव निरीक्षक विनीत कुमार पांडे, प्रधान आरक्षक परमजीत सिंह, आरक्षक पदुम वर्मा और आरक्षक आशीषन प्रभात टोप्पो की उल्लेखनीय भूमिका रही।
जशपुर एसपी का सख्त संदेश
एसपी श्री शशि मोहन सिंह ने स्पष्ट किया है कि ऑपरेशन अंकुश के तहत फरार और छिपे हुए अपराधियों की धरपकड़ लगातार जारी रहेगी। कानून से बचने की कोई भी कोशिश अब कामयाब नहीं होगी।
जशपुर पुलिस का ऑपरेशन अंकुश बना अपराधियों का डर और जनता का भरोसा।
