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July 23, 2025 11:00 pm

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नेपाल में चमके छत्तीसगढ़ के सितारे: कबीरधाम के चार होनहार युवाओं ने लहराया भारत का परचम

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रायपुर 17 अप्रैल 2025/ छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के चार होनहार खिलाड़ियों ने नेपाल के पोखरा शहर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय बॉडीबिल्डिंग एवं वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में दमदार प्रदर्शन करते हुए छत्तीसगढ़ और देश का परचम लहराया है। अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त भारतीय खेल संघ द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में भारत, नेपाल, पाकिस्तान, भूटान, श्रीलंका, बांग्लादेश और म्यांमार समेत सात देशों के 300 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया। भारत की ओर से छत्तीसगढ़ के कवर्धा से सूरज राजपूत, दीपाली सोनी, अभिषेक तिवारी और अनुराग जांगड़े ने इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में भाग लेकर स्वर्ण पदक हासिल किए।

ज्ञात हो कि बॉडीबिल्डिंग स्पर्धा में कबीरधाम के सूरज राजपूत ने सात देशों के प्रतिभागियों को पीछे छोड़ते हुए इंटरनेशनल मिस्टर ओवरऑल का खिताब अपने नाम किया। सूरज पूर्व में मिस्टर छत्तीसगढ़, सीनियर नेशनल बॉडीबिल्डिंग चौंपियनशिप और पावरलिफ्टिंग में भी पदक जीत चुके हैं। वर्तमान में वे कवर्धा के “भारत हेल्थ क्लब” में कोच की भूमिका निभा रहे हैं और लगभग 50 युवाओं को निःशुल्क प्रशिक्षण दे रहे हैं। दीपाली सोनी, जो कि जिले की पहली महिला स्वर्ण विजेता वेटलिफ्टर बनीं, उन्होंने 76 किलोग्राम वर्ग में जीत दर्ज की। वे इससे पहले राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भी शानदार प्रदर्शन कर चुकी हैं। पुरुषों की 67 किलोग्राम श्रेणी में सब-जूनियर वर्ग के अभिषेक तिवारी ने स्वर्ण पदक हासिल किया। इसके पहले स्कूल नेशनल गेम्स में भी पदक जीत चुके हैं। वहीं 14 वर्षीय अनुराग जांगड़े, जिन्होंने 109 किलोग्राम वर्ग में सब-जूनियर वेटलिफ्टिंग में स्वर्ण पदक अपने नाम किया, पहले भी जिला और स्कूल स्तरीय कई प्रतियोगिताओं में अव्वल रहे हैं।

गौरतलब है कि इन चारों खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने का श्रेय भी सूरज राजपूत को जाता है, जो वर्षों से समर्पण भाव से निःशुल्क प्रशिक्षण देकर जिले के युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तैयार कर रहे हैं। सूरज राजपूत ने अपनी सफलता और टीम की उपलब्धियों के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, खेल मंत्री श्री टंक राम वर्मा के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह उपलब्धि जिले के साथ-साथ राज्य के हर युवा की प्रेरणा बनेगी। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में दुबई में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता आयोजित होगी, जिसकी तैयारी भी वे कवर्धा से ही पूरी निष्ठा के साथ करेंगे। नेपाल की धरती पर खिलाड़ियों द्वारा किया गया यह प्रदर्शन न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है।

बाडी बिल्डिर सूरज राजपूत

बॉडीबिल्डिंग की दुनिया में सूरज राजपूत का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। नेपाल की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में उन्होंने सात देशों के धुरंधरों को पछाड़ते हुए इंटरनेशनल मिस्टर ओवरऑल का खिताब अपने नाम किया। सूरज राजपूत कहा कि यह जीत सिर्फ मेरी नहीं, पूरे छत्तीसगढ़ की है। छोटे शहर से निकलकर अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचना आसान नहीं होता, लेकिन अगर मन में जुनून हो और मार्गदर्शन सही हो, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं। सूरज ‘भारत हेल्थ क्लब’ में बतौर कोच लगभग 50 खिलाड़ियों को निःशुल्क प्रशिक्षण दे रहे हैं। वे मिस्टर छत्तीसगढ़, सीनियर नेशनल और पावरलिफ्टिंग प्रतियोगिताओं में भी मेडल जीत चुके हैं।

वेटलिफ्टर दीपाली सोनी

76 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने वाली कबीरधाम जिले की दीपाली सोनी कबीरधाम की पहली महिला वेटलिफ्टर बनी हैं। जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतकर इतिहास रच दिया। दीपाली सोनी अपना अनुभव साझा करती हुए कहती है कि नेपाल की यात्रा मेरे लिए बेहद प्रेरणादायक रही। पहली बार विदेश जाकर खेलना और तिरंगा लहराना एक सपना था, जो पूरा हुआ। मुझे खुशी है कि अब जिले की अन्य बेटियां भी वेटलिफ्टिंग जैसे खेलों में आगे बढ़ने की प्रेरणा लेंगी।” दीपाली पहले भी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में पदक जीत चुकी हैं।

वेटलिफ्टर अभिषेक तिवारी

67 किलोग्राम वर्ग के सब-जूनियर वेटलिफ्टिंग कैटेगरी में अभिषेक तिवारी ने गोल्ड मेडल जीतकर अपनी कड़ी मेहनत का शानदार उदाहरण पेश किया। अभिषेक तिवारी कहते हैं कि जब मेरे गले में मेडल आया, तो मुझे अपने माता-पिता, गुरुजी और पूरे जिले की मेहनत याद आई। नेपाल में रहना, वहां के खिलाड़ी और माहौल सभी कुछ नया था, लेकिन हमने भारत का झंडा ऊंचा रखने का संकल्प लिया था।

वेटलिफ्टर अनुराग जांगड़े

सिर्फ 14 वर्ष की उम्र में 109 किलोग्राम वर्ग में सब-जूनियर वेटलिफ्टिंग में गोल्ड जीतने वाले अनुराग जांगड़े ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। अनुराग जांगड़े ने अपनी कैरियर की पहली विदेश यात्रा में मिले उपलब्धियों की खुशी जाहिर करते हुए कहा कि “मैं बहुत खुश हूं कि इतनी छोटी उम्र में देश के लिए स्वर्ण पदक जीत पाया। यह सब मेरे कोच सूरज सर की वजह से संभव हुआ, जिन्होंने हमें दिन-रात निःस्वार्थ भाव से मुझे तैयार किया।” विदेश में राष्ट्रीय ध्वज लहराने की खुशी में शब्दों में बयां नही कर सकता।

Anash Raza
Author: Anash Raza

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