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July 24, 2025 4:11 am

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सुशासन तिहार-2025: शासन अब जनता के दरवाज़े पर, छत्तीसगढ़ सरकार की ऐतिहासिक पहल, समस्याओं का समाधान अब समयबद्ध, सुलभ और पारदर्शी रूप में

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रायपुरछत्तीसगढ़ में एक नई शासन संस्कृति की बुनियाद रखी जा रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने “सुशासन तिहार-2025” की शुरुआत करने का निर्णय लिया है — एक ऐसा महाअभियान जिसमें सरकार न केवल जनता की समस्याएं सुनेगी, बल्कि उनके समाधान के लिए घर-घर पहुंचेगी।

तीन चरण, एक संकल्प – भरोसे की पुनर्स्थापना

सुशासन तिहार तीन चरणों में आयोजित होगा। पहला चरण आवेदन संग्रह का होगा, दूसरा समस्याओं के निराकरण का और तीसरा समाधान शिविरों का। हर चरण में सरकार की जवाबदेही, पारदर्शिता और तत्परता झलकेगी।

पहली बार – ‘समाधान पेटी’ से सीधा संवाद

गांव की गलियों, पंचायत भवनों और नगरीय कार्यालयों में रखी जाएंगी “समाधान पेटियां”, जिनमें कोई भी व्यक्ति अपनी समस्या लिखकर डाल सकता है — बिना डर, संकोच या भेदभाव के। ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी।

हर आवेदन का कोड, हर समाधान पर निगरानी

हर आवेदन को एक यूनिक कोड मिलेगा, जिससे आवेदक अपनी समस्या की स्थिति ऑनलाइन ट्रैक कर सकेगा। इसके अलावा राज्य स्तर से लेकर विकासखंड स्तर तक समाधान की गुणवत्ता की समीक्षा की जाएगी।

समाधान शिविर: गाँव-गाँव, वार्ड-वार्ड

समाधान शिविर केवल मंच नहीं, संवाद का सेतु बनेंगे — जहाँ अफसर, जनप्रतिनिधि और आम जनता एक साथ बैठेंगे। मौके पर ही समस्याओं का हल निकाला जाएगा। शिविरों में योजनाओं की जानकारी, फार्म, हितग्राही आवेदन और जनसेवा के सभी माध्यम मौजूद रहेंगे।

प्रशासन की शक्ति, जनता की भागीदारी

मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि यह आयोजन केवल सरकारी कार्यक्रम न बने, बल्कि जनभागीदारी से जनांदोलन का रूप ले। हर वर्ग की सहभागिता सुनिश्चित की जाए – जनप्रतिनिधियों से लेकर स्वयंसेवी संगठनों तक।

“शासन अब दस्तक देगा, जनता की चिंता हमारी प्राथमिकता”

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा –

> “हमारे लिए सुशासन कोई नारा नहीं, यह हमारी सोच, संकल्प और संस्कार है। हम चाहते हैं कि हर नागरिक को यह अहसास हो कि उसकी आवाज सुनी जा रही है और उसके मुद्दे का समाधान हो रहा है। सुशासन तिहार-2025 इसी भरोसे का विस्तार है।”

 

औचक निरीक्षण और फीडबैक का फॉर्मूला

राज्य के मंत्री, सचिव और अधिकारी खुद गांवों में पहुंचेंगे, शिविरों में शामिल होंगे और योजनाओं के क्रियान्वयन की हकीकत परखेंगे। जन फीडबैक भी लिया जाएगा — ताकि नीति निर्माण में जनता की आवाज शामिल हो सके।

समीक्षा बैठक और संवाद का नया मॉडल

प्रत्येक समाधान शिविर के बाद संबंधित जिले में अधिकारियों की समीक्षा बैठक होगी, जिसमें प्राप्त आवेदनों की स्थिति और योजनाओं की प्रगति पर चर्चा की जाएगी। मुख्यमंत्री स्वयं प्रेस से संवाद करेंगे और जनता से प्रत्यक्ष बातचीत करेंगे।

सुशासन तिहार-2025 केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, यह प्रदेश में जनविश्वास की नींव को फिर से मज़बूत करने की ऐतिहासिक पहल है — जहाँ हर नागरिक यह महसूस कर सके कि शासन उसके साथ खड़ा है, हर मोड़ पर, हर समस्या में।

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Amit Soni
Author: Amit Soni

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