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एक रिपोर्ट के मुताबिक हर दिन भारतीय यूजर्स को औसतन 6 स्पैम मैसेज और कॉल आते हैं। इसे रोकने के लिए लंबे समय से कोशिश हो रही है। अब उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने अनचाहे प्रमोशनल कॉल और टेक्स्ट मैसेज अंकुश लगाने के लिए मसौदा तैयार किया है और 21 जुलाई तक लोगों से इस पर राय मांगी है।
दूरसंचार कंपनियों और नियामकों सहित हितधारकों के साथ परामर्श के बाद इस मसौदे को तैयार किया गया है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वे उन सभी व्यक्तियों और संस्थाओं पर लागू होंगे जो इस तरह के संचार करते हैं या दूसरों को इसमें शामिल करते हैं या उनसे लाभ उठाते हैं।
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मसौदा दिशानिर्देश के मुताबिक यदि कोई यूजर डीएनडी सर्विस को ऑन रखता है तो उसके पास इस तरह के मैसेज या कॉल नहीं जाने चाहिए और यदि नियम का उल्लंघन होता है तो कार्रवाई होगी। प्रस्ताव ऐसे संचार पर भी रोक लगाते हैं जो ग्राहकों की प्राथमिकताओं के आधार पर वाणिज्यिक संदेशों पर दूरसंचार नियामक भारतीय दूरसंचार विनियम प्राधिकरण (ट्राई) के नियमों का उल्लंघन करते हैं।
मंत्रालय ने कहा, “डू नॉट डिस्टर्ब (डीएनडी) रजिस्ट्री पंजीकृत टेलीमार्केटर्स के लिए अत्यधिक प्रभावी रही है, लेकिन अपंजीकृत टेलीमार्केटर्स और 10-अंकीय निजी नंबर का उपयोग करने वालों से अनुचित संचार बेरोकटोक बना हुआ है।”
