रायपुर। छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था को बिगाड़ने वाले युक्तियुक्तकरण के खिलाफ अब प्रदेश के शिक्षक संगठनों ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। आज रायपुर में प्रदेश के 21 शिक्षक संगठनों के अध्यक्षों और प्रांतीय पदाधिकारियों की ऐतिहासिक बैठक हुई, जिसमें एक स्वर में युक्तियुक्तकरण को पूरी तरह रद्द करने और 2008 के पुराने सेटअप को लागू करने की मांग पर सहमति बनी।
बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि यह आंदोलन अब सिर्फ नीतियों का विरोध नहीं, बल्कि शिक्षकों के आत्मसम्मान, स्थानांतरण की पारदर्शिता और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की रक्षा का आंदोलन है। संगठनों का मानना है कि वर्तमान नीति से स्कूलों में शिक्षकों की भारी असमानता और छात्रों की शिक्षा पर गंभीर असर पड़ा है।
सोमवार को सुबह 10 बजे सभी शिक्षक संगठन मिलकर महानदी भवन मंत्रालय में शिक्षा सचिव और प्रदेश के मंत्रियों को सांकेतिक चेतावनी के साथ ज्ञापन सौंपेंगे। साथ ही उसी दिन आगे की आंदोलनात्मक रणनीति भी तय की जाएगी।
शिक्षक संगठनों ने यह भी संकेत दिए हैं कि यदि सरकार ने समय रहते ठोस निर्णय नहीं लिया, तो राज्यव्यापी आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
अब सवाल सिर्फ युक्तियुक्तकरण का नहीं है, सवाल है शिक्षकों की गरिमा और बच्चों के भविष्य का।
