रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दौरान प्रश्नकाल में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। भाजपा विधायक राजेश मूणत ने गृह निर्माण समितियों के बायलॉज में संशोधन का मामला उठाया, तो वहीं भ्रष्टाचार, सड़क दुर्घटनाओं और वन विभाग के कार्यों पर भी सवालों की बौछार हुई।
गृह निर्माण समितियों के बायलॉज में बदलाव की मांग
भाजपा विधायक राजेश मूणत ने प्रश्नकाल में गृह निर्माण समितियों के बायलॉज में संशोधन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि प्रदेश की सोसाइटियां NOC के लिए लोगों को भटकाती हैं और बिना पैसे के NOC नहीं देती। इस पर मंत्री केदार कश्यप ने जवाब देते हुए कहा कि बायलॉज में संशोधन के लिए गठित कमेटी की बैठक 3 सितंबर 2024 को हुई थी और अब तक दो बैठकें हो चुकी हैं। कमेटी को जल्द ही नया प्रारूप प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि NOC से जुड़ी शिकायतों को दूर किया जाएगा।
अफसरों के खिलाफ मामलों पर गरमाई विधानसभा
विधायक धरमलाल कौशिक ने भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ दर्ज मामलों और अभियोजन स्वीकृति में देरी का मामला उठाया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने सुशासन और अभिसरण विभाग का गठन किया है और जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। उन्होंने साफ कहा कि जो भी दोषी हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
सड़क हादसों पर बड़ा खुलासा
विधायक अजय चंद्राकर ने सड़क दुर्घटनाओं से जुड़ा सवाल पूछा, जिसके जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि 2019 से 2024 के बीच राज्य में 79,523 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें 33,734 लोगों की जान गई। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग ने 2024 में 163 करोड़ रुपये की वसूली की है और सड़क सुरक्षा को लेकर सरकार गंभीर है।
कटघोरा वनमंडल का भी उठा मुद्दा
विधायक प्रेमचंद पटेल ने कटघोरा वनमंडल में हुए कार्यों की जानकारी मांगी। इस पर वन मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि 2023-24 और 2024-25 के दौरान 5,346 कार्य स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 3,019 कार्य पूरे हो चुके हैं और 2,327 कार्य प्रगति पर हैं। उन्होंने दावा किया कि कोई भी कार्य अपूर्ण नहीं है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा में उठाए गए इन अहम मुद्दों पर सरकार की ओर से जवाब तो मिले, लेकिन विपक्ष ने संतोषजनक कार्रवाई की मांग करते हुए सरकार को घेरने का प्रयास किया।
