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July 25, 2025 1:07 pm

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आईआईटी भिलाई और फ्रांसीसी संस्थान IMT नोर्ड यूरोप के बीच ऐतिहासिक एमओयू भारत-फ्रांस शैक्षणिक सहयोग को मिलेगा नया आयाम

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भिलाई/रायपुर।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भिलाई (IIT Bhilai) ने एक और वैश्विक उपलब्धि हासिल करते हुए फ्रांस के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान इंस्टिट्यूट माइंस टेलीकॉम (IMT) नोर्ड यूरोप के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह करार भारत और फ्रांस के बीच शैक्षणिक, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को नई दिशा देगा।

इस समझौते पर आईआईटी भिलाई के निदेशक प्रोफेसर राजीव प्रकाश ने संस्थान की ओर से हस्ताक्षर किए। यह साझेदारी वैश्विक शैक्षणिक और अनुसंधान उत्कृष्टता की दिशा में आईआईटी भिलाई के निरंतर प्रयासों का प्रमाण है।

अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी को बढ़ावा देने की दिशा में एक मजबूत कदम

आईआईटी भिलाई और IMT नोर्ड यूरोप के बीच हुआ यह समझौता छात्रों और शोधकर्ताओं को अंतर्राष्ट्रीय एक्सचेंज प्रोग्राम, संयुक्त शोध परियोजनाएं, ज्वाइंट डिग्री प्रोग्राम और टेक्नोलॉजी इनोवेशन जैसे कई क्षेत्रों में नए अवसर प्रदान करेगा।

समझौते की प्रक्रिया में आईआईटी भिलाई के अंतर्राष्ट्रीय गतिविधियों के कार्यालय (Office of International Affairs) की भूमिका बेहद सराहनीय रही। इस कार्यालय ने दोनों संस्थानों के बीच संवाद, योजना और समन्वय को सुगम बनाते हुए MoU को मूर्त रूप देने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई।

दोनों देशों के शिक्षा क्षेत्र में बढ़ेगा सहयोग

यह MoU भारत और फ्रांस के बीच शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार को लेकर भरोसे और सहभागिता की मजबूत नींव रखता है। यह सिर्फ दो संस्थानों का करार नहीं, बल्कि दो संस्कृतियों और दो ज्ञान-परंपराओं का मिलन है, जो आने वाले वर्षों में बहुआयामी परिणाम देने वाला है।

प्रोफेसर राजीव प्रकाश ने इस अवसर पर कहा — “आईआईटी भिलाई की अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति को सशक्त बनाने के उद्देश्य से हम लगातार वैश्विक संस्थानों से जुड़ने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। IMT नोर्ड यूरोप के साथ यह साझेदारी हमारे छात्रों और फैकल्टी को विश्वस्तरीय संसाधनों और अनुसंधान संस्कृति से जोड़ने में सहायक होगी।”

छात्रों के लिए मिलेगा वैश्विक मंच

इस समझौते के अंतर्गत दोनों संस्थान संयुक्त रूप से छात्र विनिमय, फैकल्टी एक्सचेंज, इंटर्नशिप, वर्कशॉप्स, सेमिनार, और द्विपक्षीय नवाचार कार्यक्रमों का संचालन करेंगे। इससे छात्रों को विदेशी प्रयोगशालाओं और शोध संस्थानों में काम करने का अनुभव मिलेगा, साथ ही उन्हें बहुसांस्कृतिक वातावरण में सीखने का अवसर मिलेगा।

तकनीकी उत्कृष्टता और नवाचार को मिलेगा बढ़ावा

दोनों संस्थान उभरती तकनीकों जैसे कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाइमेट टेक्नोलॉजी, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग, डेटा साइंस, और सस्टेनेबल एनर्जी पर संयुक्त शोध परियोजनाओं की योजना बना रहे हैं, जो आने वाले समय में वैश्विक चुनौतियों से निपटने में मदद करेंगी।

यह साझेदारी न केवल IIT भिलाई की वैश्विक पहुंच को विस्तार देगी, बल्कि छत्तीसगढ़ को वैश्विक उच्च शिक्षा मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करेगी। यह MoU भारतीय युवाओं को विश्व स्तरीय अनुसंधान, तकनीकी दक्षता और वैश्विक करियर अवसरों से जोड़ने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।

Anash Raza
Author: Anash Raza

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