बदलते मौसम का प्रभाव भी इन दिनों मिर्च की फसल पर दिखाई दे रहा है. तापमान के उतार-चढ़ाव की वजह से फसल पर कीटों का प्रभाव बढ़ता जा रहा है. साथ ही आपको यह जानकर भी हैरानी होगी कि मिर्च एक ऐसी फसल है जिस पर कीटों सबसे ज्यादा प्रभाव होता है. वहीं इन कीटों से फसलों को बचाने के लिए किसान कई तरह की दवाओं का भी इस्तेमाल करते हैं.
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खासतौर पर तब जब मिर्च के पौधे पर फूल लगता है, तो कीड़ों का हमला सबसे ज्यादा होता है जिसकी वजह से शुरुआत में ही फसल खराब हो जाती है और पत्तियां सिकुड़ कर गिरने लगती हैं और फसल की क्वालिटी पूरी तरह से प्रभावित हो जाती है, लेकिन अब किसानों को इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है.
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मिर्च के पौधों पर कीट से नियंत्रण
- किसान अपने खेतों में समय-समय पर कीट की उपस्थिति की निगरानी करते रहें.
- खेत में पीला स्टिकी ट्रैप का प्रयोग करें. यह ट्रैप कीटों को अपनी ओर आकर्षित करता है, जिससे कीट ट्रैप पर चिपक जाते हैं और उन्हें आसानी से नष्ट किया जा सकता है.
- इसके अलावा किसान अपने खेतों में उचित मात्रा में सिंचाई का ध्यान रखें, साथ ही अधिक नाइट्रोजन युक्त उर्वरक का इस्तेमाल न करें.
- अगर पौधों में कीट लग गई है तो लैम्ब्डा सिहलोथ्रिन 120 मिलीलीटर मात्रा का पानी में घोल बनाकर खेतों में छिड़काव करें.
- अधिक संक्रमण होने पर फिप्रोनिल 5 फीसदी के साथ बुप्रोफेज़ीन 5 फीसदी, एससी की 300 मिलीलीटर दवा का छिड़काव प्रति एकड़ की दर से खेत में करें.
