Explore

Search

August 2, 2025 12:52 am

LATEST NEWS
Lifestyle

भारत का पहला एआई स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन नवा रायपुर में बनेगा, रैकबैंक करेगा ₹1000 करोड़ का निवेश

Facebook
Twitter
WhatsApp
Email

रायपुर, 27 मई 2025
भारत का पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर केंद्रित स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (SEZ) अब छत्तीसगढ़ की राजधानी नवा रायपुर में स्थापित किया जा रहा है। यह ऐतिहासिक कदम भारत को वैश्विक टेक्नोलॉजी नेतृत्व की दिशा में एक नई ऊँचाई पर ले जाएगा। इस परियोजना का विकास रैकबैंक डेटा सेंटर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जाएगा, जो इस एआई ज़ोन में करीब ₹1000 करोड़ का निवेश करेगा।

छह एकड़ में फैला यह एसईजेड अत्याधुनिक 1.5 लाख वर्ग फीट का डेटा सेंटर तैयार करेगा। कंपनी की भविष्य की योजना चार उच्च घनत्व डेटा सेंटर विकसित करने की भी है, जिनकी कुल क्षमता 80 मेगावाट होगी। इस ज़ोन से देशभर के डिजिटल नेटवर्क को नई गति मिलेगी।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इस एआई जोन को “नवा छत्तीसगढ़ की नई शुरुआत” बताते हुए कहा कि यह युवाओं के लिए रोजगार के अवसर लाएगा और राज्य को तकनीकी पहचान दिलाएगा। उन्होंने कहा कि यह परियोजना डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसे अभियानों को मजबूती देगी।

रैकबैंक के सीईओ श्री नरेंद्र सेन ने बताया कि इस डेटा सेंटर में आईटी इंजीनियर, डेटा विशेषज्ञ, साइबर सुरक्षा अधिकारी और नेटवर्क मैनेजर जैसे प्रमुख पदों के लिए भर्ती होगी। कंपनी छत्तीसगढ़ के आईटीआई, इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक संस्थानों के साथ मिलकर प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाएगी, जिससे युवाओं को वैश्विक स्तर की नौकरियों के लिए तैयार किया जाएगा।

एआई का यह ज़ोन केवल तकनीकी सुविधाओं तक सीमित नहीं रहेगा। इसका लाभ छत्तीसगढ़ के छोटे शहरों और गांवों तक पहुँचेगा। रायपुर में तैयार हो रहे इस डेटा सेंटर से कांकेर, सुकमा, बिलासपुर और दंतेवाड़ा जैसे जिलों के छात्र भी बेंगलुरु या विदेश जाए बिना, यहीं वैश्विक कंपनियों के साथ काम कर सकेंगे।

महत्वपूर्ण बात यह है कि यह डेटा सेंटर पूरी तरह ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफिकेशन मानकों पर आधारित होगा। यहाँ सौर ऊर्जा, जल संरक्षण और ऊर्जा दक्ष उपकरणों का उपयोग कर टिकाऊ विकास को बढ़ावा दिया जाएगा।

यह एआई-केन्द्रित एसईजेड गूगल, ओपनएआई, माइक्रोसॉफ्ट और मेटा जैसी वैश्विक कंपनियों के लिए भारत में एआई सेवाओं के संचालन का प्रमुख केंद्र बनेगा। भारत पहली बार केवल इन सेवाओं का उपभोक्ता नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर निर्माता और होस्ट भी बनेगा।

यह परियोजना भारत के तकनीकी विकास की कहानी को एक नई परिभाषा देने जा रही है। यह छत्तीसगढ़ को भारत के तकनीकी मानचित्र पर एक मजबूत मुकाम दिलाने में मदद करेगी।

Anash Raza
Author: Anash Raza

Leave a Comment