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July 23, 2025 12:30 am

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युद्ध के कारण श्रमिकों की कमी से जूझ रहा इस्राइल, अर्थव्यवस्था में आ सकती है दो प्रतिशत की गिरावट

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एक प्रमुख शोध केंद्र के अनुसार चालू तिमाही में इस्राइल की अर्थव्यवस्था में 2% की गिरावट आ सकती है। इस्राइल में फिलहाल हमास के साथ युद्ध से विस्थापित सैकड़ों हजारों श्रमिक या वे लोग हैं जो रिजर्विस्ट के रूप में बुलाए गए हैं। एक गैर-पक्षपातपूर्ण थिंक टैंक टॉब सेंटर फॉर सोशल पॉलिसी स्टडीज की एक रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर में इस्रायली में बेरोजगारी 20% थी, जो आंकड़ा लड़ाई शुरू होने से पहले महज 3% था।

बेरोजगारी में वृद्धि इस तथ्य को दर्शाती है कि लगभग 900,000 लोगों को देश में लड़ने के लिए बुलाया गया था, दूसरी ओर बच्चों की देखभाल करने के लिए लोग घर पर रहे क्योंकि स्कूल बंद हो गए थे। जानकारों के अनुसार अगले साल विकास के लिए अनुमान पहले के अनुमान से कम हैं, लेकिन रेंज अलग-अलग हैं, कुछ विश्लेषकों का कहना है कि अर्थव्यवस्था केवल आधे प्रतिशत की वृद्धि कर सकती है। बैंक ऑफ इस्राइल ने पिछले युद्धों और महामारी से इस्राइल के उबरने का हवाला देते हुए संभवतः 2% की वृद्धि दर का अनुमान जताया है। इस्राइल डेमोक्रेसी इंस्टीट्यूट में शोध के उपाध्यक्ष कर्णित फ्लग ने कहा, “हम जो व्यापक अनुमान देख रहे हैं, वह कुछ अलग-अलग धारणाओं से आता है कि लड़ाई कितनी लंबी और कितनी तीव्र होगी।

टॉब सेंटर के अनुसार, रविवार तक, इस्राइल में 191,666 लोगों ने 7 अक्टूबर को युद्ध शुरू होने के बाद से बेरोजगारी लाभ के लिए आवेदन किया था, जिसमें से अधिकांश ने कहा कि उन्हें जबरन अवैतनिक छुट्टी का सामना करना पड़ा। 

श्रम की कमी पर्यटन, निर्माण और कृषि क्षेत्रों में विशेष रूप से सबसे ज्यादा रही है। निर्माण और कृषि उद्योग फिलिस्तीनी श्रमिकों पर बहुत अधिक निर्भर करते हैं, जिन्हें 7 अक्टूबर से इजरायल में प्रवेश करने से बड़े पैमाने पर रोक दिया गया है। फल और सब्जियां उगाने के लिए भी कोई नहीं आ रहा है इस कारण कई इस्राइलियों ने देश के केंद्र और दक्षिणी इलाकों में खेतों में स्वेच्छा से काम किया।

Anash Raza
Author: Anash Raza

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