जशपुर पुलिस ने ऑपरेशन मुस्कान के अंतर्गत चार गुमशुदा बालिकाओं को सकुशल खोज निकाल कर परिजनों को सौंप दिया। इनमें तीन नाबालिक और एक बालिग बालिका शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि इनमें दो बच्चियों को हैदराबाद और कानपुर जैसे दूरस्थ शहरों से खोज कर लाया गया, जो पुलिस की संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई का प्रमाण है।
जशपुर पुलिस गुमशुदा बच्चों को खोजने के लिए लगातार अभियान चला रही है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह के नेतृत्व में और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार सोनी (नोडल अधिकारी ऑपरेशन मुस्कान) के दिशा-निर्देशन में अब तक 150 से अधिक गुमशुदा बच्चों को सकुशल परिजनों के पास पहुंचाया जा चुका है।
गत सप्ताह जिले के पत्थलगांव, कांसाबेल, सन्ना और आरा थाना/चौकी क्षेत्रों से दर्ज मामलों में पुलिस ने सराहनीय कार्य किया है।
पत्थलगांव थाना क्षेत्र की 14 वर्षीय बालिका किसी बात से नाराज़ होकर घर से चली गई थी। रिपोर्ट दर्ज होते ही 13 अप्रैल को पुलिस ने उसे शीघ्र खोजकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
कांसाबेल थाना क्षेत्र की 17 वर्षीय बालिका 25 मार्च को बिना बताये घर से चली गई थी। परिजनों की रिपोर्ट पर पुलिस ने बीएनएस की धारा 137(2) के तहत मामला दर्ज किया और टेक्निकल टीम की मदद से उसे हैदराबाद से बरामद कर परिजनों को सौंपा।
सन्ना थाना क्षेत्र की 20 वर्षीय बालिका 19 मार्च को घर से गायब हो गई थी। पुलिस ने उसे 10 अप्रैल को कानपुर (उत्तर प्रदेश) से दस्तयाब किया। तीनों बच्चियों से किसी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं घटी।
आरा चौकी क्षेत्र की 14 वर्षीय नाबालिक बच्ची को 31 जनवरी को बहला-फुसलाकर भगाने का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस की जांच में पता चला कि वह एक गांव में 22 वर्षीय युवक कुमंत राम के साथ रह रही थी। पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी कर बच्ची को सकुशल बरामद किया। पूछताछ में बालिका ने बताया कि आरोपी ने शादी का झांसा देकर दैहिक शोषण किया। आरोपी के खिलाफ बीएनएस की धारा 87, 96, 64(2) और पॉस्को एक्ट की धारा 6 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिँह ने बताया कि महिला संबंधी अपराधों के प्रति जशपुर पुलिस अत्यंत संवेदनशील है। विभिन्न मामलों में चार बालिकाओं को ढूंढ निकालने में सफलता प्राप्त हुई है और ऑपरेशन मुस्कान आगे भी जारी रहेगा।
