बीजापुर/कांकेर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के गंगालुर थाना क्षेत्र में गुरुवार तड़के सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 26 नक्सलियों को मार गिराया, जबकि डीआरजी (जिला रिजर्व गार्ड) के एक जवान ने वीरगति प्राप्त की। दूसरी ओर, कांकेर जिले में भी जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें चार नक्सली मारे गए।
गंगालुर के जंगलों में घंटों चला ऑपरेशन
बीजापुर और दंतेवाड़ा की सीमा के पास स्थित गंगालुर थाना क्षेत्र में सुरक्षाबलों की एक संयुक्त टीम माओवादी विरोधी अभियान पर निकली थी। आज सुबह करीब 7 बजे से फायरिंग शुरू हुई, जो कई घंटों तक जारी रही। मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने 26 नक्सलियों के शव बरामद किए, साथ ही भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी जब्त किया गया।
सूत्रों के अनुसार, यह मुठभेड़ बीजापुर-दंतेवाड़ा की सरहद पर स्थित तोड़का एंड्री के जंगलों में हुई, जहां नक्सलियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
ग्राउंड जीरो से स्थिति का जायजा
बीजापुर में मुठभेड़ स्थल पर जवानों ने व्यापक तलाशी अभियान चलाया। अब तक कुल 30 नक्सलियों के शव बरामद हो चुके हैं। जवानों के लौटने के दौरान नक्सलियों से बरामद हथियार, गोला-बारूद और अन्य सामग्री भी लाई जा रही है।
गृह मंत्री अमित शाह की कड़ी चेतावनी – 31 मार्च 2026 तक नक्सलमुक्त होगा भारत
इस मुठभेड़ को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ‘नक्सलमुक्त भारत अभियान’ के तहत यह एक बड़ी सफलता है। उन्होंने कहा:
“छत्तीसगढ़ के बीजापुर और कांकेर में सुरक्षाबलों ने दो अलग-अलग ऑपरेशनों में 30 नक्सलियों को मार गिराया। मोदी सरकार नक्सलवाद के खिलाफ रुथलेस अप्रोच (निर्दय रणनीति) के साथ आगे बढ़ रही है। आत्मसमर्पण के विकल्प होने के बावजूद जो नक्सली हिंसा का रास्ता नहीं छोड़ रहे, उनके खिलाफ ‘ज़ीरो टॉलरेंस नीति’ अपनाई जा रही है। 31 मार्च 2026 तक देश पूरी तरह नक्सलमुक्त होगा।”
‘नक्सलमुक्त भारत अभियान’ की दिशा में आज हमारे जवानों ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। छत्तीसगढ़ के बीजापुर और कांकेर में हमारे सुरक्षा बलों के 2 अलग-अलग ऑपरेशन्स में 22 नक्सली मारे गए।
मोदी सरकार नक्सलियों के विरुद्ध रुथलेस अप्रोच से आगे बढ़ रही है और समर्पण से लेकर समावेशन की…
मोदी सरकार ने नक्सलियों के खिलाफ समर्पण से लेकर समावेशन तक की कई योजनाएं लागू की हैं। लेकिन जो नक्सली आत्मसमर्पण करने को तैयार नहीं हैं, उनके खिलाफ अब सीधे कार्रवाई की जा रही है। सरकार का उद्देश्य अगले साल तक देश को पूरी तरह नक्सलमुक्त बनाना है।
सुरक्षाबलों की ऐतिहासिक सफलता
इस अभियान को अब तक की सबसे बड़ी नक्सल विरोधी कार्रवाइयों में से एक माना जा रहा है। बीजापुर और कांकेर में हुई इस संयुक्त कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि सरकार और सुरक्षाबल नक्सलवाद के खात्मे के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।
यह मुठभेड़ सुरक्षाबलों की बहादुरी का प्रमाण है और यह दर्शाता है कि भारत जल्द ही नक्सलवाद से मुक्त होने की राह पर है।
#WATCH | Chhattisgarh: Visuals from near ground zero in Bijapur District where jawans are returning from the encounter site. Bodies of Naxalites and other materials were also recovered.
So far, the bodies of 26 Naxalites have been recovered during the encounter in… pic.twitter.com/5mSf3JHWsu