छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के बीजापुर जिले में गुरुवार को हुई एक भीषण मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने एक बड़ी सफलता हासिल की। बीजापुर के नेशनल पार्क क्षेत्र में डीआरजी, एसटीएफ और कोबरा बटालियन की संयुक्त टीम ने माओवादियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया, जिसमें एक करोड़ रुपये के इनामी और केंद्रीय समिति सदस्य नरसिम्हाचलम उर्फ गौतम उर्फ सुधाकर को मार गिराया गया।
सुधाकर, जिसे नक्सली संगठन में कई नामों से जाना जाता था — जैसे आनंद, चंटी बालकृष्ण, रामाराजू, अरविंद और सोमन्ना — मूलतः आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले के चिंतलपुडी ब्लॉक के प्रगदावरम गांव का रहने वाला था। वह नक्सलियों की केंद्रीय समिति का सक्रिय सदस्य था और शिक्षा विभाग से जुड़े कामकाज के अलावा वैचारिक प्रशिक्षण और रणनीतिक दिशा देने का काम भी करता था। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, वह वर्षों से छत्तीसगढ़, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में नक्सली नेटवर्क को संचालित कर रहा था।
मुठभेड़ में भारी हथियार और विस्फोटक भी बरामद
तलाशी अभियान के दौरान जवानों ने मुठभेड़ स्थल से एक AK-47 राइफल, भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री, हथियार और गोलाबारूद बरामद किया है। क्षेत्र में अभी भी सर्च ऑपरेशन जारी है, क्योंकि अन्य माओवादी कैडर मुठभेड़ के बाद जंगल में भाग निकले हैं।
नक्सल संगठन को लगा बड़ा झटका
सुधाकर की मौत माओवादी संगठन के लिए बड़ा झटका मानी जा रही है। इससे पहले, 21 मई को नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ जंगल में हुई एक मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने नक्सली महासचिव नंबाला केशव उर्फ बसवराजू समेत 28 नक्सलियों को मार गिराया था। बसवराजू पर 3.25 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। इन लगातार सफल ऑपरेशनों से माओवादी संगठन की नींव हिलती नजर आ रही है।
अब तक 403 माओवादी ढेर
वर्ष 2024–2025 की अवधि में बस्तर रेंज में अब तक 403 माओवादी कैडरों के शव बरामद किए जा चुके हैं। यह आँकड़ा सुरक्षा बलों की प्रभावी रणनीति और दृढ़संकल्प का परिणाम है।
पुलिस की शांति की अपील
छत्तीसगढ़ पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों ने एक बार फिर शेष माओवादी कैडरों से अपील की है कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौट आएं। पुलिस का कहना है कि सरकार क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और विकास सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
सुधाकर और बसवराजू जैसे शीर्ष नक्सली नेताओं के मारे जाने से नक्सल आंदोलन को गहरा धक्का लगा है। सुरक्षाबलों की यह कार्रवाई न केवल एक सामरिक सफलता है, बल्कि यह क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापना की दिशा में एक ठोस कदम भी है।
