रायपुर। कैंसर के इलाज और जांच में क्रांतिकारी कदम उठाते हुए एम्स रायपुर ने अपने न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग में आटोमेटेड रेडियो सिंथेसाइज़र और गैलियम जनरेटर मशीन स्थापित कर ली है। इस नई तकनीक के साथ एम्स रायपुर अब छत्तीसगढ़ का पहला और एकमात्र ऐसा सरकारी अस्पताल बन गया है, जो कैंसर की जांच के लिए उपयोग होने वाले रेडियोट्रेसर इंजेक्शन खुद तैयार करेगा।
अब तक ये खास इंजेक्शन बाहर की कंपनियों से मंगवाने पड़ते थे, जिससे समय और खर्च दोनों बढ़ता था। नई सुविधा के बाद एम्स इन इंजेक्शनों का उत्पादन स्वयं करेगा, जिससे मरीजों को सटीक जांच और त्वरित उपचार की सुविधा मिल सकेगी।
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क्या है रेडियोट्रेसर और क्यों है यह ज़रूरी?
रेडियोट्रेसर एक विशेष प्रकार का इंजेक्शन होता है, जिसे मरीज को पीईटी स्कैन से पहले दिया जाता है। यह इंजेक्शन शरीर के भीतर कैंसर की मौजूदगी और उसके प्रसार की सटीक जानकारी देता है। नई मशीन की मदद से ये इंजेक्शन अब एम्स में ही बनाए जा सकेंगे, जिससे जांच प्रक्रिया अधिक भरोसेमंद और तेज हो जाएगी।
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मरीजों को क्या फायदा होगा?
🔹 पीईटी स्कैन की गुणवत्ता में सुधार – अब स्कैन से बीमारी की शुरुआती अवस्था में ही पहचान हो सकेगी, जिससे इलाज जल्दी शुरू हो सकेगा।
🔹 सटीक डायग्नोसिस – खासतौर पर प्रोस्टेट कैंसर, न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर, और उन बीमारियों में जहां सामान्य स्कैन असफल रहते हैं, अब अधिक प्रभावशाली जांच संभव हो सकेगी।
🔹 व्यक्तिगत इलाज योजना – हर मरीज की स्थिति के अनुसार उपचार तय करना आसान होगा।
🔹 इंसुलिनोमा जैसे दुर्लभ रोगों की भी होगी पहचान – यह बीमारी अक्सर स्कैन में नहीं आती, लेकिन रेडियोट्रेसर की मदद से अब उसका भी पता चल सकेगा।
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इलाज में आएगा क्रांतिकारी सुधार
अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि अपनी दवाएं और इंजेक्शन स्वयं तैयार करने से न सिर्फ इलाज तेज़ होगा बल्कि खर्च भी कम आएगा। इससे मरीजों को लंबा इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा और इलाज की प्रक्रिया अधिक कुशल और सुगम हो जाएगी।
एम्स के डॉक्टरों ने बताया कि यह तकनीक जटिल रोगों की पहचान में बेहद सटीक है और इससे कैंसर के इलाज में एक नई दिशा और गति मिलेगी, विशेषकर प्रोस्टेट, पेट और स्तन कैंसर के मामलों में।
एम्स रायपुर में इस आधुनिक मशीन की स्थापना से छत्तीसगढ़ के कैंसर मरीजों के लिए उपचार का एक नई उम्मीद का द्वार खुल गया है। यह सुविधा आने वाले समय में प्रदेश में कैंसर से लड़ाई को मजबूती देगी और मरीजों को समय पर बेहतर इलाज उपलब्ध कराएगी।
