समर्थगुरु धारा का एकदिवसीय ध्यान शिविर होटल इंटरसिटी इंटरनेशनल में हुआ सम्पन्न हुआ, जिसमें संजीवनी ध्यान के माध्यम से 100 से अधिक साधकों ने समाधि का भरपूर आनंन्द लिया।समर्थगुरु धारा मैत्री संघ छत्तीसगढ़ के मुंगेली, लोरमी, कोटा, चांपा, बिलासपुर के पुराने साधको शिविर में भाग लिया ।
शिविर के माध्यम से, किन्ही कारणों से पुराने बिखर चुके ओशो सन्यासी साधको को एक करके,मुख्यधारा में जोड़ने का प्रयास किया गया ।
ओशो के हिमालय से एक ध्यान,समाधि योग की आध्यात्मिक गंगा निकली जिसके भागीरथी हमारे प्यारे समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया सरकार की करुणा से प्रवाहित समर्थगुरु धारा नाम की अध्यात्म की गंगा बह निकली जिसमे ओशो सन्यासी डुबकी लगाकर ध्यान एवम आध्यत्म के गूढ़तम रहस्यों को जानने के लिए गोता लगा रहे है।
सम्पूर्ण भारत वर्ष में ही नही अपितु विदेशों में भी ओशो की ध्यान गंगा बह रही है। बिलासपुर,मुंगेली लोरमी,कोटा,चाँपा ओशोधारा मंत्री संघ के साधकों ने बिलासपुर होटल इंटरसिटी इन्टर्नेसनल में ओशोधारा का एक दिवसीय ध्यान शिविर सम्पन हुआ, जिसमें आचार्य माँ सलूजा जी ने संजीवनी ध्यान कराया और वंही आचार्य स्टेट क्वार्डिनेटर स्वामी संतोष चंद्रा जी ने ब्रम्हनाद ध्यान करा कर साधकों को ध्यान और समाधि की पवित्र यात्रा कराई। ओशो सन्यासियों ने खूब आनंद उठाया। अंत मे आभार ब्यक्त करते हुए शिविर का समापन किया गया।
