नई दिल्ली – अगर आप दिनभर अपने UPI ऐप (जैसे Paytm, PhonePe या Google Pay) से बार-बार बैलेंस चेक करते हैं, ऑटोपे लगाते हैं या ट्रांजैक्शन की स्थिति देखते रहते हैं, तो अब आपको ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने नया निर्देश जारी कर दिया है, जिसके तहत 31 जुलाई 2025 से UPI पर कुछ सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले फीचर्स पर कड़ी सीमाएं लागू की जाएंगी।
अब UPI ऐप से आप एक दिन में केवल 50 बार ही बैलेंस चेक कर सकेंगे। इसके अलावा, बार-बार ट्रांजैक्शन का स्टेटस देखने की भी लिमिट तय कर दी गई है। इस कदम का मकसद UPI नेटवर्क को बेवजह के लोड से बचाना है, ताकि यह सभी के लिए स्थिर और सुचारू बना रहे।
NPCI ने बैंकों और पेमेंट ऐप्स (PSPs) को आदेश दिया है कि हर API अनुरोध – चाहे ग्राहक की ओर से हो या सिस्टम की तरफ से – उसकी संख्या और स्पीड को नियंत्रित किया जाए। नियम न मानने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
पीक ऑवर्स में और ज्यादा सख्ती
NPCI ने कुछ समय को ‘पीक ऑवर्स’ के तौर पर चिह्नित किया है – सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे और शाम 5 बजे से रात 9:30 बजे तक। इन समयों में बैलेंस चेक जैसे अनुरोधों पर खास पाबंदी होगी, ताकि सिस्टम पर दबाव न पड़े।
Ezeepay के COO ने क्या कहा?
Ezeepay के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर मुशर्रफ हुसैन ने कहा कि यह नियम कारोबारियों और ज्यादा लेनदेन करने वालों को थोड़ी परेशानी दे सकता है, लेकिन नेटवर्क को दुरुस्त बनाए रखने के लिए यह ज़रूरी है। पहले बार-बार बैलेंस चेक और ट्रांजैक्शन स्टेटस API कॉल्स की वजह से नेटवर्क पर ज़बरदस्त दबाव बनता था, जिससे 90 सेकंड जैसी देरी की समस्या आती थी।
ऑटोपे और ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक पर नए नियम
Netflix, SIP या अन्य सेवाओं के लिए UPI ऑटोपे इस्तेमाल करने वालों को भी अब बदलाव का सामना करना पड़ेगा। ऑटोपे की अनुमति और डेबिट प्रोसेसिंग सिर्फ नॉन-पीक समय में ही होगी। इसके अलावा, कोई ट्रांजैक्शन फेल या पेंडिंग हो तो हर दो घंटे में अधिकतम तीन बार ही स्टेटस चेक हो पाएगा। कुछ खास एरर कोड मिलने पर बैंकों को उसे फेल मानकर बार-बार चेकिंग रोकनी होगी।
सोच-समझकर इस्तेमाल करें UPI ऐप
इन नए नियमों के बाद सलाह दी गई है कि ग्राहक बार-बार बैलेंस या स्टेटस चेक करने की आदत को छोड़ें। अगर कोई सर्विस अस्थायी रूप से बंद मिले, तो घबराएं नहीं। यह सब नेटवर्क को सुचारू रखने और सभी के लिए सुविधाजनक बनाने के लिए किया जा रहा है।
