रायपुर/जशपुर/गौरेला-पेंड्रा- मरवाही/धमतरी/मनेंद्रगढ़ –
छत्तीसगढ़ में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण (रेशनलाइजेशन) की प्रक्रिया को लेकर प्रदेशभर में असंतोष और विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। शिक्षक संगठनों ने इसे अव्यवस्थित, अपारदर्शी और नियमविरुद्ध बताते हुए व्यापक विरोध दर्ज किया है। कई जिलों में शिक्षक ज्ञापन सौंपने से लेकर धरना-प्रदर्शन और काउंसलिंग के बहिष्कार तक का ऐलान कर चुके हैं।
गुपचुप सूची, खुलेआम विरोध
गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में शिक्षकों का आरोप है कि युक्तियुक्तकरण की सूची नियमानुसार एक दिन पूर्व सार्वजनिक की जानी थी, लेकिन सोमवार को किसी भी विकासखंड में सूची चस्पा नहीं की गई। इससे शिक्षकों में आक्रोश फैल गया और कई शिक्षक कलेक्टोरेट कार्यालय पहुंचकर विरोध दर्ज कर ज्ञापन सौंपा।
प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव
शिक्षकों का आरोप है कि कुछ स्थानों पर चुनिंदा शिक्षकों को फोन कर निजी रूप से स्थानांतरण की सूचना दी गई, जबकि यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होनी चाहिए। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शिक्षक जितेंद्र शुक्ला ने कहा कि जब सूची सार्वजनिक नहीं हो रही है तो यह प्रक्रिया दूषित मानी जाएगी और इससे पात्र शिक्षकों के साथ अन्याय की आशंका है।
जिला शिक्षा अधिकारी की भूमिका पर सवाल
गौरेला पेंड्रा मरवाही सहित कई जिलों में जिला शिक्षा अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं। शिक्षक संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही पारदर्शिता नहीं अपनाई गई तो वे चरणबद्ध आंदोलन करेंगे।
धमतरी में शिक्षक संघों का आक्रोश
धमतरी जिले में भी शिक्षक बड़ी संख्या में कलेक्टोरेट पहुंचे और युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया का विरोध करते हुए ज्ञापन सौंपा। शिक्षकों ने अतिशेष सूची को निरस्त करने और त्रुटिपूर्ण काउंसलिंग प्रक्रिया को तत्काल रोकने की मांग की। जिला मुख्यालय गांधी मैदान में 3 जून से अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन शुरू किया जा रहा है, जिसमें काउंसलिंग का पूर्ण बहिष्कार किया जाएगा।
शिक्षक साझा मंच का आंदोलन
शिक्षक साझा मंच के प्रांतीय निर्देश पर पूरे प्रदेश में आंदोलन शुरू हो चुका है। उनकी मुख्य मांगें हैं – 2008 के सेटअप को यथावत रखना, युक्तियुक्तकरण की त्रुटियों को सुधारना और पारदर्शिता सुनिश्चित करना।
मनेंद्रगढ़ में भी उबाल
मनेंद्रगढ़ में एसडीएम कार्यालय के सामने शिक्षकों ने भारी प्रदर्शन किया। साझा मंच के बैनर तले हुए इस विरोध में शिक्षकों ने सरकार पर स्कूलों को कमजोर कर बंद करने और नियमित शिक्षकों की सेवाएं खत्म करने की साजिश का आरोप लगाया।
जशपुर में भी विरोध तेज
जशपुर में युक्तियुक्तकरण काउंसलिंग की प्रक्रिया सोमवार से शुरू हुई, लेकिन साथ ही शिक्षक संघों ने भी विरोध तेज कर दिया। शिक्षक साझा मंच के प्रतिनिधियों ने डीईओ को ज्ञापन सौंपा और रिक्त पदों की सार्वजनिक जानकारी की मांग की। साथ ही, काउंसलिंग तत्काल रोकने की भी बात कही गई।
शिक्षकों का सामूहिक संदेश
प्रदेशभर के शिक्षकों का स्पष्ट कहना है कि जब तक युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं आती, तब तक वे शांत नहीं बैठेंगे। यदि शासन ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो यह आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है।
