7 दिनों में प्रकरणों का निपटारा नहीं हुआ तो होगी सख्त कार्रवाई, एक साल से अधिक पुराने मामलों को प्राथमिकता देने के निर्देश
मुंगेली, 16 मई 2025:
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशा के अनुरूप प्रदेशभर में सुशासन को धरातल पर उतारने के प्रयासों में मुंगेली जिले के नवपदस्थ कलेक्टर कुंदन कुमार पूरी सक्रियता के साथ जुटे हुए हैं। प्रशासनिक कामकाज में पारदर्शिता, समयबद्धता और जवाबदेही को सुनिश्चित करने के क्रम में उन्होंने शुक्रवार को राजस्व विभाग की व्यापक समीक्षा बैठक ली।
बैठक के दौरान समय-सीमा से बाहर लंबित प्रकरणों पर कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर करते हुए 21 अधिकारियों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 7 दिनों के भीतर सभी लंबित मामलों का गुणवत्तापूर्ण निराकरण नहीं किया गया, तो नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर ने सख्त लहजे में कहा, “बार-बार रिमाइंडर देने के बावजूद भी यदि प्रकरण लंबित रहते हैं, तो यह कार्य के प्रति लापरवाही, उदासीनता और शासन के आदेशों की अवहेलना है, जिसे कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि राजस्व से जुड़े मामलों का त्वरित समाधान नागरिकों के हित में है और प्रशासन की जवाबदेही भी उसी से तय होती है।
किन अधिकारियों को मिला नोटिस:
- गिरधारी लाल यादव – अपर कलेक्टर एवं प्रभारी, भू-अभिलेख
- अजीत पुजारी – एसडीएम, लोरमी
- पार्वती पटेल – एसडीएम, मुंगेली
- अजय शतरंज – एसडीएम, पथरिया
- शेखर पटेल – तहसीलदार, लोरमी
- छाया अग्रवाल – तहसीलदार, पथरिया
- कमल किशोर पाटनवार – तहसीलदार, जरहागांव
- कुणाल पांडेय – तहसीलदार, मुंगेली
- अतुल वैष्णव – तहसीलदार, सरगांव
- महेत्तर प्रसाद कौशिक – प्रभारी तहसीलदार, लालपुर थाना
- चंद्रकांत राही – अतिरिक्त तहसीलदार, मुंगेली
- शांतनु तारम एवं चंद्रप्रकाश सोनी – नायब तहसीलदार, लोरमी
- हरिशचंद्र यादव – नायब तहसीलदार, मुंगेली
- प्रकृति ध्रुव – नायब तहसीलदार, जरहागांव
- चंद्रकांत चंद्रवंशी – नायब तहसीलदार, पथरिया
- ऋचा गुप्ता, विकास गढ़ेवाल, मुकेश वर्मा, भूमिका तिवारी, इंद्र कुमार सिंह – भू-अभिलेख विभाग से
इन सभी अधिकारियों को तय समय में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है, अन्यथा नियमानुसार कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
कलेक्टर कुंदन कुमार ने कहा कि शासन की मंशा है कि आम नागरिकों को राजस्व संबंधी समस्याओं का शीघ्र समाधान मिले। ऐसा न होने पर न केवल जनता को असुविधा होती है, बल्कि प्रशासन की छवि भी प्रभावित होती है।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ प्रभाकर पांडेय, अपर कलेक्टर मेनका प्रधान, तथा सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि भविष्य में किसी भी स्थिति में कार्य में लापरवाही नहीं होनी चाहिए।







