बीजापुर | 7 मई 2025
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले की दुर्गम कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में सुरक्षा बलों ने बड़ा नक्सल-विरोधी अभियान चलाते हुए 18 से अधिक नक्सलियों को ढेर कर दिया है। बीती रात हुई मुठभेड़ में भारी हथियारों और विस्फोटकों का जखीरा भी बरामद किया गया है। सूत्रों के अनुसार, मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कई और ठिकानों पर कार्रवाई जारी है।
पिछले पंद्रह दिनों से चल रहा था अभियान
यह ऑपरेशन पिछले दो सप्ताह से लगातार चलाया जा रहा है, जिसमें कई नक्सलियों का सफाया किया जा चुका है। कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों की जटिल भौगोलिक बनावट और घने जंगलों के बीच सुरक्षाबलों ने असाधारण रणनीतिक संयम और बहादुरी का परिचय दिया है।
सूचना थी शीर्ष नक्सली नेताओं की मौजूदगी की
गुप्तचर एजेंसियों से मिली जानकारी के अनुसार, इस क्षेत्र में नक्सल बटालियन नंबर एक के शीर्ष नेताओं की उपस्थिति की पुष्टि हुई थी। इसी आधार पर ऑपरेशन सिंदूर की गति तेज की गई। यह इलाका लंबे समय से नक्सल नेटवर्क का मजबूत गढ़ रहा है।
स्थानीय पुलिस की पुष्टि अभी बाकी, लेकिन ग्राउंड रिपोर्ट साफ है
हालांकि, इस मुठभेड़ को लेकर अभी स्थानीय पुलिस की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सीमा सुरक्षा बल (BSF), CRPF और DRG के संयुक्त ऑपरेशन की सफलता की तस्वीरें और जानकारी सामने आ चुकी है।
राज्य सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की वो पहल है, जो छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खात्मे और गाँव-गाँव में स्थायी शांति स्थापित करने के लिए चलाया जा रहा है। इस अभियान का नाम उन शहीदों के रक्त से प्रेरित है जिन्होंने देश की रक्षा में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।
सुरक्षाबलों के लिए कर्रेगुट्टा बना चुनौती और गर्व का प्रतीक
कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में यह कार्रवाई नक्सली नेटवर्क की कमर तोड़ने वाली मानी जा रही है। बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जैसे संवेदनशील जिलों में अब तलाशी और घेराबंदी अभियान और तेज़ किए जाने की संभावना है।
यह सिर्फ मुठभेड़ नहीं, यह संदेश है— नक्सल हिंसा को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। छत्तीसगढ़ को लाल आतंक से मुक्त कराने की निर्णायक लड़ाई बन चुका है।
