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July 23, 2025 12:06 am

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Success Story: घरेलू नौकर व गार्ड की नौकरी करते हुए 56 की उम्र में एमएससी पास, 25 साल में 23 बार फेल भी हुए

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हाइलाइट्स

बच्चों को गणित पढ़ाया तो सराहना मिली. तभी से गणित में एमएससी का सपना दिल में बैठ गया
राज किरण कहते हैं कि परीक्षा से दो चीजें सीखीं – प्रयास और धैर्य.

भोपाल. नाम- राज किरण बरउ, उम्र- 56 वर्ष, काम-प्राइवेट सिक्यूरिटी गार्ड और घरेलू नौकर. यह साधारण सा परिचय है जबलपुर के राज किरण का. लेकिन दृढ़ संकल्प के बूते अपना बड़ा सपना पूरा किया. गार्ड और घरेलू नौकर रहते हुए राज किरण ने गणित में एमएससी की परीक्षा पास की है.

राज किरण का यह जोश, जुनून और जज्बा ही है कि गार्ड की डबल शिफ्ट की नौकरी के बाद भी हौंसला नहीं टूटा. अंतहीन विषम परिस्थितियां आई. 25 साल में 23 बार फेल भी हुए. लेकिन मास्टर डिग्री हासिल करके ही मानें. राज किरण ने न्यूज 18 हिंदी से कहा कि यह काम कितना कठिन रहा, इसकी गणना नहीं की जा सकती है. यह 25 साल की तपस्या है. राज किरण कहते हैं कि परीक्षा से दो चीजें सीखीं – प्रयास और धैर्य. यह दोनों किसी भी चीज़ से पार करा देंगे, बस हार मत मानो.

गणित में पोस्ट ग्रेज्यूएशन के प्रति इतना जुनून क्यों?
इस सवाल के जवाब में राज किरण कहते हैं कि साल 1996 में एमए करने के बाद वे एक स्कूल गए और वहां छात्रों से बातचीत की. वहां जिस तरह से बच्चों को गणित पढ़ाया तो सराहना मिली. बस तब से ही गणित में स्नातकोत्तर करने का विचार आया. उन दिनों वैकल्पिक विषय के साथ एमएससी करने का भी विकल्प होता था. लिहाजा, राज किरण ने 1996 में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में गणित में एमएससी के लिए आवेदन किया और विश्वविद्यालय ने आवेदन को मंजूरी दे दी. 1997 में पहली बार एमएससी परीक्षा में बैठे लेकिन असफल हो गए. अगले 10 वर्षों तक पांच में से केवल दो विषयों में ही पास हो पाए. राज किरण कहते हैं कि न हार मानी और न इस बात की परवाह कि लोग क्या कहेंगे. आखिरकार 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान, एमएससी प्रथम वर्ष की परीक्षा उत्तीर्ण की और 2021 में दूसरे वर्ष की परीक्षा पास की.

Success Story: घरेलू नौकर व गार्ड की नौकरी करते हुए 56 की उम्र में एमएससी पास, 25 साल में 23 बार फेल भी हुए

घरेलू नौकर और गार्ड की दो नौकरियां से सिर्फ 6500 रुपए की पगार
भोजन और रहने की सुविधा की वजह से राज किरण ने एक बंगले में घरेलू नौकर का काम किया. इसके एवज में महज 1500 रुपए मिलते थे. जबकि रात में सुरक्षा गार्ड की नौकरी की जिसमें 5 हजार रुपए की पगार मिलती थी. राज किरण कहते हैं कि इतने कम पैसे में घर चलाना बेहद मुश्किल था. और इसी में से पैसे बचाकर किताबें खरीदी और परीक्षा फीस जमा की. करीब 25 सालों में दो लाख रुपए पढ़ाई पर खर्च हो गए. हालांकि इस जुनून की वजह से राज किरण शादी नहीं कर पाए. हंसतें हुए बताते हैं कि उनके जैसे निठल्ले से भला कौन शादी करता? इसलिए मेरी शादी मेरे सपने से हुई.

सफलता के बाद भी जश्न नहीं मनाया
राज किरण ने बताया कि जब परीक्षा पास हो गई तो मैं उछल पड़ा. ऐसा लगा कि जमीं पर पैर नहीं है. लेकिन मैं सिर्फ बंद दरवाजों के पीछे ही जश्न मना सकता था. दरअसल यदि मैं बाहर अपनी उपलब्धि को बताता तो जहां काम कर रहा था, वहां मालिक अपने बच्चों को ताना मारते. वह अपने बच्चों को मेरा उदाहरण देते. मैं उनके बच्चों को शर्मिंदा होते नहीं देख सकता था, इसलिए मैंने चुपचाप जश्न मनाया और इसे अपने तक ही सीमित रखा. अब वह नौकरी छोड़ दी है, इसलिए लोगों को बता सकता हूं.

Tags: Human Sacrifice, Jabalpur news, Mp news live today, Success Story, मध्य प्रदेश

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Khabar Gatha
Author: Khabar Gatha

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