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December 6, 2025 10:14 am

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सुनीता विलियम्स की सफल वापसी, 9 महीने बाद लौटीं धरती पर

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भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बैरी ‘बुच’ विल्मोर आखिरकार 9 महीने बाद सुरक्षित पृथ्वी पर लौट आए। बुधवार तड़के स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल के जरिए उनकी लैंडिंग सफल रही। उनके साथ क्रू-9 के दो अन्य अंतरिक्ष यात्री निक हेग और अलेक्सांद्र गोरबुनोव भी वापस आए। चारों एस्ट्रोनॉट्स 17 घंटे की यात्रा के बाद फ्लोरिडा के तट पर समुद्र में लैंड हुए, जिससे इस ऐतिहासिक मिशन का समापन हुआ।

कैसे हुई वापसी?

मंगलवार (18 मार्च) को चारों एस्ट्रोनॉट ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में सवार हुए। सुबह 08:35 बजे स्पेसक्राफ्ट का दरवाजा बंद हुआ और 10:35 बजे यह ISS से अलग हुआ। 19 मार्च को रात 2:41 बजे डीऑर्बिट बर्न शुरू हुआ, जिससे पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश हुआ। सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा तट पर सफल लैंडिंग हुई।

स्पेसक्राफ्ट के वायुमंडल में प्रवेश करते ही तापमान 1650 डिग्री सेल्सियस से अधिक पहुंच गया। इस दौरान 7 मिनट का कम्युनिकेशन ब्लैकआउट रहा, लेकिन मिशन पूरी तरह सफल रहा।

9 महीने तक ISS में क्यों फंसीं सुनीता?

5 जून 2024 को नासा ने बोइंग क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन लॉन्च किया, जिसमें सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को 8 दिन के मिशन पर ISS भेजा गया। लेकिन बोइंग स्टारलाइनर की तकनीकी खराबी के कारण उनकी वापसी रुक गई, और उन्हें 9 महीने अंतरिक्ष में बिताने पड़े। अब क्रू-10 मिशन के तहत दोनों की सफल वापसी हुई।

सुनीता विलियम्स के रिकॉर्ड

  • अब तक 9 बार स्पेसवॉक कर चुकी हैं
  • कुल 62 घंटे 6 मिनट का स्पेसवॉक किया
  • 286 दिन अंतरिक्ष में बिताने वाली सबसे अनुभवी महिला

PM मोदी का सुनीता को पत्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुनीता विलियम्स को पत्र लिखकर गर्व और सम्मान प्रकट किया। उन्होंने लिखा—
“हम सबको आप पर गर्व है। आपकी उपलब्धियों ने 1.4 अरब भारतीयों को प्रेरित किया है। आप भले ही हजारों मील दूर थीं, लेकिन हमारे दिलों के बेहद करीब रहीं।”

मोदी ने आगे लिखा कि उनकी अमेरिका यात्रा के दौरान, जब भी राष्ट्रपति ट्रंप और बाइडन से मिले, उन्होंने सुनीता की कुशलता और भलाई के बारे में जरूर पूछा। उन्होंने सुनीता की वापसी के बाद भारत में भव्य स्वागत की इच्छा जताई।

अब भारत में होगा स्वागत!

सुनीता की वापसी के बाद भारत में उनका भव्य स्वागत किया जाएगा। यह मिशन सिर्फ नासा के लिए नहीं, बल्कि भारत के लिए भी एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।

Anash Raza
Author: Anash Raza

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