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December 6, 2025 1:13 pm

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दो सहेलियों और एक मासूम की संदिग्ध मौत: सर्पदंश की आशंका, ग्रामीण इलाकों में दहशत का माहौल

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सरगुजा।छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले से एक बेहद दर्दनाक और रहस्यमयी घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है। यहां केदमा गांव में एक ही खाट पर सो रही दो नाबालिग सहेलियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। दोनों बच्चियों की तबीयत रात में अचानक बिगड़ गई। पेट दर्द, उल्टी और चक्कर आने जैसे लक्षण दिखने पर परिजनों ने उन्हें इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया, लेकिन दोनों की जान नहीं बच सकी।

घटना उदयपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले केदमा चौकी के बड़ेगांव गांव की है। मृतक बच्चियों की पहचान सुबासो मझवार (14 वर्ष) और निर्मला मझवार (13 वर्ष) के रूप में हुई है। दोनों सहेलियां गांव के ही दो अन्य किशोरियों—अंजनी और ललिता—तथा एक युवक बीर सिंह के साथ बीते एक सप्ताह से लालपुर गांव में धान कटाई का काम कर रही थीं। मंगलवार की शाम काम खत्म कर वे सभी वापस अपने गांव लौटे। रात को सुबासो और निर्मला खाना खाकर एक ही खाट पर सो गईं।

रात करीब 1 बजे अचानक सुबासो की तबीयत बिगड़ गई। उसे उल्टी होने लगी और पेट में तेज दर्द की शिकायत हुई। उसने पास में सो रही अन्य सहेलियों को उठाया और मदद मांगी। कुछ ही देर में निर्मला को भी चक्कर आने लगे और उसकी हालत भी खराब हो गई। परिजनों ने आनन-फानन में दोनों को पास के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, केदमा में भर्ती कराया।

हालत गंभीर होने पर दोनों को सुबह 6 बजे सीएचसी उदयपुर रेफर किया गया। यहां इलाज के दौरान सुबासो की मौत हो गई। निर्मला की हालत भी बिगड़ती देख उसे अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, लेकिन वहां पहुंचते ही डॉक्टरों ने उसे भी मृत घोषित कर दिया।

इस घटना ने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव में मातम पसरा हुआ है और हर किसी के मन में यही सवाल है कि आखिर इन मासूम बच्चियों की मौत का असली कारण क्या था?

चिकित्सकों द्वारा दोनों बच्चियों के शवों का पोस्टमॉर्टम किया गया। रिपोर्ट में यह सामने आया कि दोनों के शरीर पर किसी प्रकार के सर्पदंश के स्पष्ट निशान नहीं मिले हैं। लेकिन जिस तरह के लक्षण दोनों में दिखाई दिए—जैसे उल्टी, चक्कर आना, बदन में कमजोरी—उसे देखकर डॉक्टरों ने आशंका जताई है कि दोनों की मौत किसी जहरीले सांप के डसने से हुई हो सकती है।

डॉक्टरों के अनुसार, कई बार सांप के डंक के निशान शरीर पर साफ दिखाई नहीं देते, खासकर जब डंक हल्का हो या डसने के बाद काफी समय बीत चुका हो। इसी वजह से डॉक्टर सर्पदंश की संभावना से इंकार नहीं कर रहे हैं और इसे ही मौत का प्राथमिक कारण मान रहे हैं।

जशपुर में भी मासूम बच्ची की मौत
इसी दिन जशपुर जिले से भी एक और दुखद खबर आई। बगीचा थाना क्षेत्र के गायबुड़ा गांव में एक 6 साल की बच्ची सुनीता कोरवा की भी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। वह अपने दो छोटे भाइयों के साथ जमीन पर सोई थी। रात में उसे कुछ काटने का एहसास हुआ, तो उसने तुरंत परिजनों को बताया।

परिजन बच्ची को तुरंत बगीचा अस्पताल लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज के बाद उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। लेकिन इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई। डॉक्टरों को शक है कि उसे भी किसी जहरीले कीड़े या सांप ने काटा था।

ग्रामीण इलाकों में बढ़ा डर
एक ही दिन में तीन बच्चियों की संदिग्ध मौत ने पूरे क्षेत्र में डर का माहौल बना दिया है। खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां अब भी लोग जमीन पर सोते हैं या खुले में खेतों में काम करते हैं, वहां सर्पदंश का खतरा और बढ़ गया है।

स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन ने लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की है। उन्हें सलाह दी गई है कि बरसात के मौसम में रात को खाट या पलंग पर ही सोएं, मच्छरदानी का प्रयोग करें और सोने से पहले बिस्तर के चारों ओर अच्छी तरह से सफाई करें।

इसके अलावा, अगर किसी को अचानक चक्कर, उल्टी या शरीर में झुनझुनी जैसे लक्षण महसूस हों, तो बिना देर किए नजदीकी अस्पताल में पहुंचें। समय पर इलाज से सर्पदंश जैसी घटनाओं से जान बचाई जा सकती है।

सरगुजा और जशपुर में हुई इन घटनाओं ने एक बार फिर ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं और जनजागरूकता की कमी को उजागर कर दिया है। उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन इन मामलों की गंभीरता से जांच करेगा और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए जरूरी कदम उठाएगा।

Anash Raza
Author: Anash Raza

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