रायपुर, 9 जून 2025/
छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने वाली कथित ‘युक्तियुक्तिकरण प्रक्रिया’ के विरोध में अब शिक्षक समुदाय सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गया है। शिक्षक साझा मंच छत्तीसगढ़ ने इस पूरी प्रक्रिया को “शिक्षक संहार” बताते हुए 10 जून को प्रदेश के सभी 33 जिलों में ‘पोल-खोल रैली’ निकालने का एलान किया है।
मंच के प्रदेश संचालकों केदार जैन, मनीष मिश्रा, वीरेंद्र दुबे, विकास राजपूत, संजय शर्मा, कृष्णकुमार नवरंग और राजनारायण द्विवेदी ने संयुक्त रूप से कहा कि सरकार द्वारा 2008 के सेटअप को दरकिनार कर शिक्षकों की संख्या में भारी कटौती की गई है, जिससे पूरे प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था गहरे संकट में पहुँच गई है।
शिक्षक साझा मंच का आरोप है कि इस बार के युक्तियुक्तिकरण में लगभग 50,000 शिक्षकों की पदस्थापना में कटौती कर दी गई है, जिससे प्रदेशभर की शालाओं का संचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कई शालाओं को “दर्ज संख्या कम” होने के आधार पर बंद कर दिया गया है, जबकि उन क्षेत्रों में शिक्षा की सख्त आवश्यकता बनी हुई थी।
इस प्रक्रिया में न तो रिक्त पदों की सूची सार्वजनिक की गई, न ही शिक्षकों की वरिष्ठता सूची जारी की गई। विभाग ने अतिशेष शिक्षकों की सूची भी प्रकाशित नहीं की, जिससे पूरी व्यवस्था में पारदर्शिता समाप्त हो गई।
कई शिक्षकों को बिना पूर्व सूचना केवल फोन पर बुलाकर काउंसलिंग के लिए बाध्य किया गया, जिससे चयन प्रक्रिया में मनमानी और भेदभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। ऐसे अनेक उदाहरण सामने आए हैं, जहाँ एक शिक्षक को ‘अतिशेष’ बताकर हटाया गया, और कुछ ही दिनों में उसी विद्यालय में किसी अन्य शिक्षक को नियुक्त कर दिया गया।
महिला और विकलांग शिक्षकों को नियमानुसार वरीयता मिलनी चाहिए थी, लेकिन उन्हें काउंसलिंग प्रक्रिया में प्राथमिकता नहीं दी गई। मंच ने यह भी आरोप लगाया है कि जिन शिक्षकों के पास कोई पहुँच नहीं थी, उन्हें 100 से 150 किलोमीटर दूर स्थानों पर फेंक दिया गया, जबकि सिफारिश या पैसों के बल पर कुछ शिक्षकों को मनचाही जगह पदस्थ किया गया।
सभी 146 विकासखंड शिक्षा अधिकारियों और 33 जिला शिक्षा अधिकारियों की भूमिका को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए गए हैं। मंच का कहना है कि इन अधिकारियों ने या तो इस अन्याय को चुपचाप देखा या उसमें सक्रिय रूप से भाग लिया।
इन्हीं मुद्दों को लेकर शिक्षक साझा मंच 10 जून को प्रदेश के सभी 33 जिला मुख्यालयों में पोल-खोल रैली आयोजित करेगा। रैली संबंधित जिले के प्रदेश एवं जिला संचालकों के नेतृत्व में एकत्र होकर नारेबाजी करते हुए जिला कलेक्टोरेट तक जाएगी और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
शिक्षक साझा मंच ने प्रदेशभर के समस्त शिक्षक साथियों से अपील की है कि वे इस निर्णायक आंदोलन में भाग लें और शिक्षा व्यवस्था तथा अपने अधिकारों की रक्षा के लिए अधिकतम संख्या में 10 जून को अपने जिला मुख्यालय में उपस्थित हों।
“यह लड़ाई सिर्फ शिक्षक समाज के आत्मसम्मान और हमारे बच्चों के भविष्य की है।”
