Bijapur, Chhattisgarh:
India’s biggest anti-Naxal operation is underway with 10,000+ soldiers.
Around 1,500 Naxals, including top leaders, are trapped in hills and forests.
Helicopters are bombing hideouts; heatwave has sickened 40+ soldiers.
Despite challenges, forces push forward in this decisive battle.
बीजापुर का रणक्षेत्र: भारत के इतिहास का सबसे बड़ा नक्सल विरोधी युद्ध शुरू, 10 हज़ार जवान, 1500 नक्सली घेरे में, लू में झुलसते वीर सैनिक, अंतिम निर्णायक लड़ाई का 5 वां दि
छत्तीसगढ़, बीजापुर —
देश की आंतरिक सुरक्षा के इतिहास में पहली बार ऐसा दृश्य देखा जा रहा है — बीजापुर के पहाड़ों और जंगलों में 10 हज़ार से अधिक बहादुर जवान नक्सलवाद की जड़ों को उखाड़ने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।
विशेष जानकारी के अनुसार सुरक्षाबलों ने लगभग 1500 नक्सलियों को घेर लिया है, जिनमें शीर्ष लीडर और रणनीतिकार भी शामिल हैं। इन दुर्गम इलाकों में हेलीकॉप्टरों से फायरिंग और बमबारी हो रही है, ताकि नक्सल नेटवर्क की रीढ़ तोड़ी जा सके।
लेकिन यह लड़ाई सिर्फ बंदूक और गोलियों की नहीं — यह लड़ाई अब प्रकृति से भी है। 45 डिग्री तापमान, लू और प्यास के बीच लड़ रहे हमारे जवानों में से 40 से अधिक अब तक बीमार पड़ चुके हैं। उन्हें तेलंगाना के वेंकटापुरम अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
ग्लूकोज की बोतलें और पानी के कनस्तर अब युद्ध का हिस्सा बन चुके हैं। ये जवान किसी टीवी डिबेट के नायक नहीं हैं, ये किसी चुनावी मंच के नारे नहीं हैं — ये वो सिपाही हैं जिनके हाथ में बंदूक नहीं, बल्कि देश की उम्मीद होती है।
सरकार और सैन्य रणनीतिकारों का मानना है कि अगर यह ऑपरेशन सफल होता है तो यह नक्सलवाद के संगठित ढांचे को हमेशा के लिए ध्वस्त कर देगा।
