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July 25, 2025 4:03 pm

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रंगपंचमी की धूम: महाकाल की भस्म आरती से इंदौर की गेर तक, रंगों में सराबोर हुआ देश

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रंगों और उमंग का पर्व रंगपंचमी आज पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। होली के पांच दिन बाद आने वाला यह उत्सव विशेष रूप से मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन गुलाल, अबीर और रंगों की बौछार से पूरा वातावरण रंगीन हो जाता है।

उज्जैन में महाकाल को अर्पित किया गया केसर युक्त जल, भस्म आरती का भव्य नजारा

रंगपंचमी के शुभ अवसर पर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में विशेष पूजन हुआ। श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल को केसर युक्त जल अर्पित किया, जिसके बाद भव्य श्रृंगार और भस्म आरती की गई। पूरे मंदिर परिसर में भक्तों ने रंग उड़ाकर बाबा महाकाल के चरणों में अपनी श्रद्धा व्यक्त की। भस्म आरती के दौरान गूंजते मंत्रों और ढोल-नगाड़ों के बीच माहौल भक्तिमय हो गया।

इंदौर की ऐतिहासिक गेर: रंगों की बारिश में झूम उठा शहर

इंदौर की गेर यात्रा रंगपंचमी का सबसे बड़ा आकर्षण होती है। इस वर्ष भी हजारों लोग सड़कों पर उतरे और रंगों की बौछार में झूमते नजर आए। टैंकरों से रंग उड़ाए गए, ढोल-नगाड़ों की धुन पर नाचते हुए लोग आपसी प्रेम और भाईचारे का संदेश दे रहे थे।

छत्तीसगढ़ में धूमधाम से मनाया गया उत्सव

रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग और राजनांदगांव में भी रंगपंचमी पर विशेष आयोजन किए गए। मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना हुई और शहरों में झांकी एवं रंगों की होली खेली गई। छत्तीसगढ़ में इस पर्व को गौरी-गौरा पूजन और देवताओं को रंग अर्पित करने की परंपरा के साथ मनाया जाता है।

बनारस-मथुरा में भक्तिरस, महाराष्ट्र में धूलिवंदन की धूम

उत्तर प्रदेश के मथुरा, वृंदावन और वाराणसी में इस दिन भक्त अबीर-गुलाल उड़ाकर भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित करते हैं और भजन-कीर्तन के साथ रंगोत्सव मनाते हैं। वहीं महाराष्ट्र में इसे ‘धूलिवंदन’ के रूप में मनाया जाता है। मुंबई, पुणे और नागपुर में सुबह से ही लोग रंगों में सराबोर होकर नाचते-गाते नजर आते हैं।

रंगपंचमी का महत्व और परंपराएं

रंगपंचमी हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन वातावरण में सात्विक ऊर्जा का संचार होता है और यह सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। इस दिन देवताओं को रंग अर्पित करने की परंपरा भी निभाई जाती है, जिससे वातावरण में शुभता बढ़ती है।

रंगों से जुड़ा भाईचारे का संदेश

रंगपंचमी केवल रंगों का उत्सव नहीं, बल्कि प्यार, भाईचारे और सौहार्द का प्रतीक है। इस दिन जाति-धर्म से ऊपर उठकर सभी एक-दूसरे को रंगों से सराबोर करते हैं और आपसी प्रेम व सद्भावना का संदेश देते हैं।

आज पूरे देश में रंगों की बारिश से आसमान गुलाबी, लाल, पीला और हरा हो चुका है। मंदिरों में श्रद्धालु भक्ति में लीन हैं, सड़कों पर ढोल-नगाड़ों की धुन पर लोग झूम रहे हैं और हर ओर उत्सव का माहौल है। रंगपंचमी के इस पावन पर्व पर हर कोई रंगों में सराबोर होकर खुशियों को मना रहा है!

Anash Raza
Author: Anash Raza

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