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July 25, 2025 7:22 am

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डेढ़ साल से भी ज्यादा समय से चल रहा आदिवासियों का आंदोलन, गृहमंत्री शर्मा अफसरों के साथ करेंगे बैठक, रणनीति बनाकर ग्रामीणों को पहुंचाएंगे योजनाओं का लाभ

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पिछले डेढ़ साल से ज्यादा समय से सिलगेर में आदिवासियों का आंदोलन जारी है. यहां ग्रामीणों और पुलिस के बीच झड़प से चार ग्रामीणों की मौत हुई थी. इसके बाद ग्रामीण मृत लोगों के परिवारों को 1-1 करोड़  रुपए मुआवजा और दोषी पुलिसकर्मियों को सजा देने के साथ घायलों को 50-50 लाख रुपए देने की मांग को लेकर अड़े हुए हैं. इस मामले काे लेकर गृह मंत्री विजय शर्मा आज सिलगेर, टेकलगुढ़ा में अधिकारियों के साथ करेंगे.

सिलगेर रवाना होने से पहले गृह मंत्री शर्मा ने कहा, एक-एक व्यक्ति तक विकास पहुंचाना चाहते हैं, लेकिन नक्सली विरोध कर रहे हैं. आज बैठक है. पहले सिलगेर में फिर टेकलगुढ़ा जाने की योजना है. विकास के कैंपस बस्तर में दूर-दूर खुल रहे हैं, इन कैंपों का विरोध किया जा रहा है. इसे लेकर अफसरों की बैठक लेकर योजना बनाई जाएगी. शर्मा ने कहा, सभी को प्रधानमंत्री आवास, आंगनबाड़ी, सामुदायिक भवन, महतारी सदन, यात्री प्रतीक्षालय, लाइट की व्यवस्था, 500 यूनिट बिजली फ़्री, पानी हैंडपंप की व्यवस्था, घरेलू सिंचाई के कनेक्शन जैसे विकास की सारी व्यवस्थाएं इन गांवों में कराई जा रही है, फिर भी इसका विरोध किया जा रहा है. योजना बनाकर इन सारे कार्यों को उन तक पहुंचाने के लिए आज हम सभी लोग उनके पास जा रहे हैं.

जानिए क्याें चल रहा सिलगेर आंदोलन

दरअसल 11 मई 2021 को बीजापुर जिले के सिलगेर गांव में स्थापित हुए नए पुलिस कैंप के विरोध में आसपास के सैकड़ों ग्रामीणों ने आंदोलन की शुरुआत की थी. आंदोलन के पांचवें दिन ग्रामीणों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई, जिसके बाद पुलिस के जवानों ने ग्रामीणों पर फायरिंग कर दी, जिसमें 4 ग्रामीणों की मौत हो गई थी. मरने वालों में एक गर्भवती महिला भी शामिल थी. इस घटना के बाद से ग्रामीणों का आंदोलन और उग्र हो गया और आसपास के 50 से अधिक गांवों के हजारों आदिवासी सिलगेर में जुटने लगे. आंदोलनकर्ता अपनी 3 सूत्रीय मांग को लेकर अड़े हुए हैं और लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.

ग्रामीणों की ये हैं मांगें

इस मामले की जांच के लिए कांग्रेस कमेटी ने एक जांच टीम भी बनाई और इस पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट भी तत्कालीन कांग्रेस सरकार को सौंपी थी.  ग्रामीणों की मांग है कि इस घटना में मृत लोगों के परिवारों को 1-1 करोड़  रुपए मुआवजा और दोषी पुलिसकर्मियों को सजा देने के साथ घायलों को 50-50 लाख रुपये दिया जाए. आंदोलनकारियों का राज्यपाल से लेकर मुख्यमंत्री से भी बैठकों का दौर चला, लेकिन अब तक इस पर कोई फैसला नहीं आया, जिसके चलते ग्रामीणों ने अपने आंदोलन को जारी रखा है. 

टेकलगुड़ेम में तीन जवान हुए थे शहीद

वहीं हाल ही में टेकलगुढ़ा में नक्सलियों ने मंगलवार को एक बड़ी वारदात को अंजाम दिया था. सीआरपीएफ कोबरा और DRG की संयुक्त जवानों की टीम पर नक्सलियों ने फायरिंग की. इसमें 3 जवान शहीद हो गए, वहीं 15 जवान घायल हो गए हैं. दरअसल मंगलवार को ही टेकलगुढ़ा में पुलिस ने नया कैंप स्थापित किया. इस कैम्प की सुरक्षा में लगे जवान कैंप की स्थापना के बाद जूनागुड़ा-अलीगुड़ा इलाके में गश्त पर निकले हुए थे, इसी दौरान पहले से ही घात लगाए नक्सलियों ने जवानों पर फायरिंग की थी.

Faizan Ashraf
Author: Faizan Ashraf

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