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June 9, 2025 12:42 pm

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युक्तियुक्तकरण बना प्रदेश के हजारों शिक्षकों के मानसिक प्रताड़ना का कारण……सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने लगाया अधिकारियों के नियमविरुद्ध कार्य करने का आरोप….

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युक्तियुक्तकरण जो वर्तमान में सरकार और अधिकारियों और शिक्षकों के बीच में एक अहम मुद्दा बना हुआ है जिसे लेकर के सब अपनी अपनी राय रख रहे हैं और साथ में एक दूसरे के ऊपर आरोप और प्रत्यारोप भी लगा रहे हैं अधिकारियों का कहना है कि हम सही तरीके से कार्य कर रहे हैं और शिक्षकों का और कहना है कि यह गलत तरीके से और नियम विरुद्ध कार्य किया जा रहा है।

प्रदीप पाण्डेय का बहुत ही बड़ा विचारणीय प्रश्न है कि 60 बच्चों को दो शिक्षक किस तरह से अध्यापन करा पाएगा? सीधा सवाल यह है कि क्या कोई भी अधिकारी जो इस युक्ति युक्तकरनण में शामिल है, क्या अपने बच्चों को ऐसे स्कूल में पढ़ाई करवाएंगे जहां सिर्फ दो ही शिक्षक हो या वह इसलिए खुल करके इस युक्तियुक्तकरण को तानाशाही पूर्वक कर रहे हैं क्योंकि उन्हें इस चीज से फर्क नहीं पड़ता कि गांव के बच्चे की एजुकेशन स्तर सुधरे या बिगड़ जाए?

 पद छुपाने वाले और दर्ज  संख्या के आधार पर रिक्त पद नहीं बताने वाले अधिकारियों पर कब कार्यवाही होगी?

वह अधिकारी जो बहुत ही गलत तरीके से स्कूलों के दर्ज़ बच्चों के आधार पर रिक्त पद छुपा कर काउंसलिंग कि प्रक्रिया अपना रहा है क्या वह सजा के हकदार नहीं बनते क्या शिक्षक सम्मानपूर्वक जीने का अधिकार नहीं रखता, गंभीर बीमारी वाले ऐसे शिक्षक जिन्हें महीने में दो बार तीन बार अस्पताल जाना पड़ता है उन शिक्षकों को भी इतना दूर-दूर फेंका जा रहा है और पति-पत्नी शिक्षक को भी बहुत दूर-दूर किया जा रहा है क्या उनका परिवार नहीं है क्या यह तानाशाही पूर्वक जो युक्तियुक्तकरन किया जा रहा वो भी गलत तरीके से इसका जवाब कौन देगा?

क्या इस तरह से वह शिक्षक ज़ो प्रताड़ित हो रहा है वह गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा दे पाएगा यह सब कई सवाल है जो शिक्षक आपस में चर्चा कर रहे हैं और यह सोशल मीडिया में न्यूज़ में चल रहा है जिसे सरकार को संज्ञान लेना चाहिए था लेकिन वह उक्त अधिकारी और ना ही सरकार के जिम्मेदार व्यक्ति इन सब चीजों से उन्हें कोई भी फर्क नहीं पड़ रहा है।

लोक शिक्षण संचालक ऋतुराज रघुवंशी से सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप पाण्डेय ने साफ साफ कहा कि आपने कहा था कि

युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पूर्ण पारदर्शिता और निष्पक्ष तरीके से की जाएगी, लेकिन कई जिले में युक्तियुक्तकरण के निर्देशों को ताक पर रखकर भेदभावपूर्ण तरीके से सूची तैयार कर पदस्थापना किया गया है जिसमें अपने करीबियों को बचाया गया है और दूसरों को जानबूझकर अतिशेष सूची में लाकर प्रताड़ित किया गया है । अखबारों में रोज खबरें प्रकाशित हो रही है क्या वो अख़बार आप नहीं पढ़ते और पढ़ते है तो ऐसे अधिकारियों के मामले केवल जांच कर ली जाए तो पूरा सच सामने आ जाएगा और आपसे निवेदन किया है कि दोषी अधिकारियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई कर आम शिक्षकों को न्याय देने की कृपा करें , आपसे हमें बहुत उम्मीदें है।

 

प्रदीप पाण्डेय ने लिखा भी कि जो गलती पिछली सरकार ने की थी वही गलती यह सरकार भी कर रही है । पदोन्नति संशोधन घोटाले को लेकर आम शिक्षक चिल्लाते रहे गुहार लगाते रहे लेकिन शहंशाहो ने ध्यान नहीं दिया और जब पानी सर से ऊपर गुज़र गया तो कुछ भ्रष्ट लोगों पर कार्रवाई की लेकिन नतीजा क्या रहा वह पूरा प्रदेश जानता है ।

यही हाल युक्तियुक्तकरण में भी हो रहा है सभी जिलों से भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आ रही है और व्यापक तौर पर गड़बड़ियां की गई हैं लेकिन वजीर ए आलम की ओर से न तो इन गड़बड़ियों को सुधारने की दिशा में कोई पहल किया जा रहा है और न ही शिकायत मिलने पर कोई ठोस कार्रवाई हो रही है । उल्टा कुछ शिक्षकों से वीडियो बनवाकर वाहवही लूटा जा रहा है , कलेक्टर जिन्हें इस पूरे कार्यक्रम का मुखिया बनाया गया था वह अभ्यावेदन पर कोई सार्थक पहल करने के बजाय गड़बड़ियों को ढकने का काम कर रहे हैं और ज्वालामुखी धीरे-धीरे गर्म होकर फूटने की तैयारी पर है ।

 

प्रदीप पाण्डेय ने मीडिया को सराहा और कहा कि वह तो भला हो चौथे स्तंभ का उनके पेन की स्याही अभी सुखी नहीं है और अभी वह सरकार के आगे झुके नहीं है यही वजह है की गड़बड़ियां अखबारों और वेब पोर्टल के माध्यम से लगातार सामने आ रही है वरना सरकार की तैयारी तो यह बताने की थी मानो हर शिक्षक युक्तियुक्तकरण से खुश है । शिक्षक तो यह परीक्षा जैसे तैसे पास कर लेंगे साहब , भविष्य में आपको भी परीक्षा देनी है उसकी भी तैयारी कर लीजिए । ऐसा न हो कि पर्चा समझ में ही ना आए और डब्बा गुल हो जाए । प्रदीप पाण्डेय ने अपनी बात खुलकर कहीं और कहा कि छत्तीसगढ़ के शिक्षा के स्तर को गिराने के लिए युक्ति युक्तकरण के इस मुहिम को इतिहास सदैव याद रखेगा।

Udalak
Author: Udalak

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