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July 25, 2025 9:02 pm

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कर्रेगुट्टा पर फहराया तिरंगा: 21 दिन की ऐतिहासिक कार्रवाई में ढेर हुए 31 इनामी नक्सली, ऑपरेशन बना साहस का प्रतीक

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रायपुर:छत्तीसगढ़ के बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर स्थित कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में वो तिरंगा अब गर्व से लहरा रहा है, जहाँ कभी पीएलजीए बटालियन 1, डीकेएसजेडसी और टीएससी जैसे कुख्यात नक्सली संगठनों का ठिकाना हुआ करता था। देश के इतिहास में पहली बार इतना बड़ा और सफल नक्सल विरोधी ऑपरेशन महज 21 दिनों में अंजाम तक पहुंचा — और वो भी बिना किसी जवान की शहादत के।

 

आज सीआरपीएफ के डीजी श्री जीपी सिंह और छत्तीसगढ़ के डीजीपी श्री अरुण देव गौतम ने बीजापुर में साझा प्रेसवार्ता कर इस अभूतपूर्व सफलता की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच 21 बार मुठभेड़ हुई, जिसमें 31 कुख्यात नक्सली मारे गए, जिन पर कुल 1.72 करोड़ रुपये का इनाम था। साथ ही 18 जवान घायल हुए, लेकिन सभी खतरे से बाहर हैं।

 

सुरक्षाबलों ने इस दौरान नक्सलियों के 210 बंकर ध्वस्त किए, 35 राइफल, 450 आईईडी, और नक्सलियों द्वारा दो वर्षों से जमा किया गया 12 हजार किलो राशन भी नष्ट किया। यह इलाका अब नक्सल आतंक से मुक्त हो चुका है।

 

अभियान के दौरान जवानों को गर्मी में 45 डिग्री तापमान और रात में ठिठुरन भरी ठंड का सामना करना पड़ा। कई जवान डिहाइड्रेशन की स्थिति में लौटे, लेकिन सभी ने अदम्य साहस दिखाया।

 

गृहमंत्री अमित शाह ने इस सफलता को बताया ऐतिहासिक

 

गृहमंत्री श्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि यह ऑपरेशन #NaxalFreeBharat की दिशा में एक निर्णायक कदम है। उन्होंने लिखा, “कर्रेगुट्टा अब नक्सलियों की गोलियों का नहीं, तिरंगे की शान का पहाड़ है।” उन्होंने ऑपरेशन में भाग लेने वाले CRPF, STF और DRG के जवानों को बधाई दी और कहा कि 31 मार्च 2026 तक भारत को नक्सल मुक्त कर देने का संकल्प अब और मजबूत हुआ है।

 

नक्सलियों की पांचवीं अपील और सरकार की सख्त नीति

 

इधर नक्सली संगठन की ओर से केंद्रीय प्रवक्ता अभय ने लगातार पांचवीं बार प्रेस नोट जारी कर शांति वार्ता की अपील की है। उन्होंने कहा कि संगठन वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन केंद्र सरकार की स्पष्ट प्रतिक्रिया ज़रूरी है। उन्होंने स्वीकार किया कि कर्रेगुट्टा में 26 नक्सली मारे गए।

 

हालांकि, सरकार का रूख सख्त है। गृह राज्य मंत्री बंडी संजय और छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा साफ कर चुके हैं कि हथियार डाले बिना शांति वार्ता संभव नहीं है। विजय शर्मा ने कहा है कि सरकार बिना शर्त शांति वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए नक्सलियों को पहले हथियार छोड़ने होंगे।

 

राजनीतिक बयानबाजी भी तेज

 

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठाए गए सवालों पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने तीखा पलटवार करते हुए कहा कि “कांग्रेस भय और भ्रम फैलाने का ठेका लिए बैठी है। हमारी सरकार पूरी ताकत से नक्सलवाद को जड़ से मिटाने में लगी है। जनता सच्चाई जानती है।”

Amit Soni
Author: Amit Soni

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