छत्तीसगढ़ में भीषण गर्मी से राहत पाने की उम्मीद जगी है। मौसम विभाग ने बताया है कि प्रदेश में बुधवार से मौसम का मिजाज एक बार फिर बदलने वाला है। अगले तीन दिनों तक राज्य के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश और तेज आंधी-तूफान की संभावना जताई गई है। इसके साथ ही तापमान में 3 से 4 डिग्री तक की गिरावट आने की उम्मीद है। इससे पिछले कुछ दिनों से झुलसा रही तेज धूप और गर्म हवाओं से लोगों को कुछ राहत मिल सकती है।
11 जिलों में यलो अलर्ट, तेज हवाओं का खतरा
मौसम विभाग ने छत्तीसगढ़ के 11 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है। यलो अलर्ट का मतलब होता है कि मौसम खतरनाक तो नहीं है, लेकिन सामान्य जनजीवन पर असर डाल सकता है। जिन जिलों में यह अलर्ट जारी हुआ है, उनमें सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, बिलासपुर, कोरबा, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, मुंगेली, सुरगुजा, सूरजपुर, कोरिया और बलरामपुर शामिल हैं।इन जिलों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है। साथ ही बादलों की गड़गड़ाहट, बिजली चमकने और गरज-चमक के साथ बारिश होने की संभावना भी जताई गई है। मौसम विभाग ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है और सलाह दी है कि खराब मौसम के दौरान खुले मैदानों, पेड़ों के नीचे और बिजली के खंभों के आसपास जाने से बचें।
पिछले 24 घंटे में हल्की बारिश, दुर्ग सबसे गर्म
बीते 24 घंटे में प्रदेश के कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है। हालांकि कई हिस्सों में गर्मी का असर बना रहा। दुर्ग जिले में सबसे अधिक अधिकतम तापमान 41.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो राज्य में सबसे ज्यादा था। रायपुर में भी तेज धूप और उमस बनी रही। मौसम विभाग के अनुसार रायपुर में आज का अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है।
21 मई से तूफानी गतिविधियों में तेजी
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, 21 मई से प्रदेश में मौसम में और बदलाव आएगा। इस दिन से बारिश और आंधी-तूफान की गतिविधियां तेज हो सकती हैं। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बने मौसमी सिस्टम की वजह से प्रदेश के कई इलाकों में गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है। इससे पहले भी कई बार देखा गया है कि मई के अंत तक छत्तीसगढ़ में प्री-मानसूनी गतिविधियां तेज हो जाती हैं, जो मानसून के आने का संकेत देती हैं।
मानसून की तैयारी में प्रकृति
दक्षिण अरब सागर, मालदीव, कोमॉरिन क्षेत्र और बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल बन रही हैं। यह संकेत दे रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में मानसून के आगमन की शुरुआत हो सकती है। इसी का असर अब छत्तीसगढ़ में भी दिखने लगा है। उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी में मानसून की रेखा सक्रिय हो रही है, जिससे छत्तीसगढ़ में बादल, बारिश और हवा की गतिविधियों में तेजी आई है।
ऊपरी हवा के चक्रवात से बढ़ा असर
मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी और दक्षिण-पश्चिम हिस्से में एक ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। यह चक्रवात समुद्र तल से 1.5 से लेकर 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई तक सक्रिय है और दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर झुका हुआ है। इसका असर सीधे तौर पर छत्तीसगढ़ पर भी पड़ रहा है। इस वजह से प्रदेश के कई हिस्सों में आंधी और बारिश की संभावनाएं लगातार बनी हुई हैं।
सावधानी जरूरी, मौसम पर रखें नजर
तेज हवा, बिजली और बारिश के समय लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि इस दौरान खुले मैदानों में न जाएं, मोबाइल या बिजली के उपकरणों का इस्तेमाल सावधानी से करें और खेतों में काम करने वाले किसान भी बिजली गिरने के समय सुरक्षित स्थान पर चले जाएं। आंधी के चलते पेड़ गिरने या बिजली सप्लाई बाधित होने जैसी घटनाएं भी हो सकती हैं।
जनजीवन पर असर, राहत के साथ चिंता भी
एक तरफ जहां यह मौसम का बदलाव गर्मी से राहत लाएगा, वहीं दूसरी ओर तेज हवाओं और बिजली गिरने की घटनाओं के चलते लोगों को सतर्क भी रहना पड़ेगा। किसानों के लिए यह बारिश फसलों को फायदा पहुंचा सकती है, लेकिन तेज आंधी और ओलावृष्टि जैसी स्थिति भी नुकसान कर सकती है। ऐसे में प्रदेशवासियों को मौसम की जानकारी पर लगातार नजर रखनी होगी।
आने वाले दिनों में मानसून का रास्ता साफ
मौसम विभाग के अनुसार, यदि यह मौसमी प्रणाली ऐसे ही सक्रिय रही तो आने वाले हफ्ते में छत्तीसगढ़ में मानसून की शुरुआत हो सकती है। फिलहाल लोगों को गर्मी से राहत मिलने की शुरुआत हो रही है, लेकिन साथ ही मौसम की मार से भी सतर्क रहना जरूरी है।
