शिक्षक संगठनों का भी खेल निराला है यह हम नहीं बल्कि आम शिक्षक कह रहे हैं और आम शिक्षक ही शिक्षक संगठनों के दोहरे चरित्र को उजागर कर रहे हैं । अब संयुक्त शिक्षक संघ के इस लेटर पैड को ही देख लीजिए जो की जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ का है और जिसे जिला शिक्षा अधिकारी को 30 मई को दिया गया है और पत्र में कार्यालय का बाकायदा मोहर भी लगा हुआ है ।
इसमें युक्तियुक्तकरण के काउंसलिंग का विरोध करने के बजाय कई सुझाव दिए गए हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की काउंसलिंग तिथि पर संगठन के जिला अध्यक्ष लोगों को काउंसलिंग स्थान पर बैठने के लिए जगह देने की मांग रखी गई है और यह कहा गया है कि इससे अतिशेष शिक्षक सदस्यों को लाभ होगा ।
एक तरफ जहां केदार जैन शिक्षक साझा मंच के प्रमुख चेहरे हैं और प्रदेश में उनका बड़ा नाम है और शिक्षक साझा मंच की ओर से विरोध की रणनीति तय कर मीडिया को सभी 23 संगठन के प्रांत प्रमुखों के नाम के साथ ज्ञापन भेजा जा रहा है वहीं दूसरी तरफ उन्हीं के संगठन की लेटर पैड पर अलग से जिला शिक्षा अधिकारी को काउंसलिंग बेहतर बनाने के सुझाव दिए जा रहे हैं यानी एक तरफ तो विरोध का बिगुल है और दूसरी तरफ अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन और संगठन के सदस्यों को सहयोग पहुंचाने के लिए काउंसलिंग स्थल पर स्थान उपलब्ध कराने की मांग । इसका मतलब यह है कि भले ही ऊपरी स्तर पर संगठन एक हो गए हैं लेकिन अंदरूनी स्तर पर आज भी दूरियां साफ दिखाई दे रही है और ठीक इसी प्रकार स्पष्ट रणनीति का भी अभाव है जब युक्तियुक्तकरण का विरोध स्वयं केदार जैन कर रहे हैं और आम शिक्षकों से काउंसलिंग के विरोध की बात कह रहे हैं तो फिर उन्हीं का संगठन किस मुंह से इस प्रकार का पत्र जारी कर रहा है यह समझ से परे हैं।
