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July 23, 2025 10:54 am

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World Malaria Day: भारत में मलेरिया उन्मूलन परियोजना का अंतिम चरण आज से शुरू, 28 प्रदेश होंगे बीमारी मुक्त

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देश के 12 राज्यों को मलेरिया मुक्त करने के लिए केंद्र सरकार मच्छरों के खिलाफ व्यापक अभियान चलाने जा रही है। इसका आगाज विश्व मलेरिया दिवस (25 अप्रैल) को किया जाएगा। सरकार को इस अभियान के लिए ग्लोबल फंड के जरिये 541 करोड़ की निधि मिली है। यह अभियान अप्रैल 2024 से मार्च 2027 तक राष्ट्रीय केंद्र वेक्टर जनित रोग नियंत्रण (एनसीवीबीडीसी) की निगरानी में चलाया जाएगा। 

मलेरिया उन्मूलन परियोजना का तीसरा और अंतिम चरण दिल्ली, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा, नगालैंड, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा और महाराष्ट्र में शुरू किया जाएगा।

टीके का अब भी इंतजार
दरअसल, प्लाज्मोडियम परजीवी के कारण होने वाला मलेरिया रोग मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है। डॉक्टरों का मानना है कि मलेरिया संक्रमण मरीज के शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करता है। बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द एवं थकान जैसे लक्षण महसूस होते हैं। अभी तक मलेरिया का टीका नहीं आया है जबकि 100 साल से भी ज्यादा पुराना संक्रामक रोग माना जाता है। हाल ही में आरटीएस नामक एक टीका आया है, जिसे डब्ल्यूएचओ से अनुमति मिलना बाकी है। भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक कंपनी टीका खोज में लगी हुई हैं।

साल के अंत तक 28 राज्यों को मिल सकती है मुक्ति
अभी तक देश के 22 राज्यों में मलेरिया संक्रमण के मामलों में लगातार कमी दर्ज की जा रही है। पुडुचेरी और लक्षद्वीप में बीते साल भर से भी अधिक समय से नया मामला सामने नहीं आया है। उम्मीद है कि इस साल के अंत तक करीब 28 राज्यों को मच्छर जनित रोग मलेरिया से मुक्त होने की घोषणा की जा सकती है। उन्होंने बताया कि जब किसी संक्रामक बीमारी से मुक्ति की घोषणा की जाती है तो विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार, प्रति एक लाख की आबादी पर कुल मामलों की गणना की जाती है। उदाहरण के तौर पर यदि किसी जिले में प्रति एक लाख की आबादी पर मलेरिया के औसत मामले एक या उससे कम है तो उसे रोग मुक्त की श्रेणी में माना जाएगा।

एक साल में 30 फीसदी मरीज हुए कम
भारत में 2022 में मलेरिया के 33.8 लाख मामले और 5,511 मौतें हुईं, जो 2021 की तुलना में मामलों में 30% और मौतों में 34% गिरावट है। वहीं 2017 से तुलना करें तो मरीजों में 49% की कमी और मौतों में 50.5% की कमी आई है। इसके अलावा 2015 से 2022 के बीच मलेरिया के मामलों और मौत में क्रमशः 85.1% और 83.6% की गिरावट आई है। 

अभी लड़ाई बाकी : डब्ल्यूएचओ
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की क्षेत्रीय निदेशक साइमा वाजेद ने बताया कि इस साल ‘न्यायसंगत दुनिया के लिए मलेरिया के खिलाफ लड़ाई को तेज करना’ विषय के साथ पूरी दुिनया मलेरिया दिवस मना रही है। उन्होंने कहा कि हर किसी को समय रहते बेहतर और सस्ती स्वास्थ्य सेवा मिलने का अधिकार है। प्रभावित देशों को तत्काल भेदभाव और कलंक खत्म करते हुए स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने में समुदायों को शामिल करना चाहिए।

Anash Raza
Author: Anash Raza

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