रायपुर, 7 मई 2025 –
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाए जा रहे सुशासन तिहार के तीसरे चरण में भ्रष्टाचार के खिलाफ “जीरो टॉलरेंस” नीति का सख्ती से पालन करते हुए बेमेतरा जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना से जुड़े तीन संविदा कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और उन्हें सेवा से तत्काल पृथक कर दिया गया है।
यह कार्रवाई मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के स्पष्ट निर्देशों पर की गई, जिन्होंने इसे “सुशासन का संकल्प” बताते हुए कहा कि प्रदेश सरकार किसी भी कीमत पर भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी।
वायरल ऑडियो से खुली पोल
ग्राम पंचायत ऐरमशाही की आवास मित्र नीरा साहू का एक ऑडियो क्लिप वायरल हुआ, जिसमें वह प्रधानमंत्री आवास की किस्त जारी करने के लिए 25 हजार रुपये रिश्वत मांगती सुनाई दी। तहसीलदार की जांच में नीरा साहू ने खुद स्वीकार किया कि वह आवाज उन्हीं की है।
तीनों पर गंभीर आरोप
नारायण साहू, रोजगार सहायक (ग्राम पंचायत तेंदुआ) पर 10 हजार रुपये की धमकाकर वसूली के प्रमाण मिले।
उनकी पत्नी ईश्वरी साहू, रोजगार सहायक (ऐरमशाही) पर भी हितग्राहियों से डराकर पैसे मांगने के आरोप ग्रामीणों द्वारा लगाए गए हैं।
FIR और सेवा से पृथक
मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत नवागढ़ की रिपोर्ट के आधार पर तीनों दोषियों को तत्काल सेवा से पृथक किया गया। नांदघाट थाना में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 308(2) और 3(5) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। यह आदेश कलेक्टर बेमेतरा के अनुमोदन से जारी किया गया।
मुख्यमंत्री का सख्त संदेश
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, “जनकल्याणकारी योजनाओं की पारदर्शिता और ईमानदारी से क्रियान्वयन हमारी प्राथमिकता है। जो भी अधिकारी या कर्मचारी आमजन के अधिकारों का दुरुपयोग करेगा, उसे कठोर कार्रवाई का सामना करना होगा।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सिर्फ एक कार्रवाई नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ में ईमानदार शासन व्यवस्था की दिशा में एक ठोस कदम है।
